हेल्थ डेस्क। प्रकृति ने हमें कई ऐसे तोहफे दिए हैं, जिनमें औषधीय गुण भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इन्हीं में से एक है पत्थरचट्टा का पौधा (Patharchatta Plant)। आयुर्वेद (Ayurveda) में सदियों से पत्थरचट्टा का इस्तेमाल तरह-तरह की बीमारियों (diseases) के इलाज में लिए किया जाता रहा है।
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यह कैंसर (cancer), डायबिटीज, फंगल इन्फेक्शन, सूजन और किडनी की पथरी जैसी कई गंभीर बीमारियों के लिए फायदेमंद है। पत्थरचट्टा (Patharchatta) के पत्तों का रस पीना या पत्तियों को पीसकर लेप बनाना इसके कुछ सामान्य इस्तेमाल हैं। इस आर्टिकल में आपको इसके लाजवाब फायदे (Patharchatta Health Benefits) और इस्तेमाल के सही तरीके के बारे में बताते हैं।
आयुर्वेद में पत्थरचट्टा (Patharchatta) का इस्तेमाल खांसी और सांस से जुड़ी बीमारियों के लिए किया जाता है। इसके अंदर एक खास गुण होता है जो कफ को कम करता है। अगर आपको खांसी या दमा जैसी कोई परेशानी है तो आप पत्थरचट्टा के पत्ते को पीसकर इसका रस पी सकते हैं। इससे आपको काफी आराम मिलेगा।

पत्थरचट्टा (Patharchatta) में पाए जाने वाले अलग-अलग बायोएक्टिव कंपाउंड के कारण यह हमारी इम्युनिटी (immunity) को मजबूत बनाने में काफी फायदेमंद है। नियमित रूप से इसके पत्तों का सेवन करने से शरीर को इन्फेक्शन से लड़ने की क्षमता मिलती है और कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है। पत्थरचट्टा, अपनी सूजनरोधी क्षमताओं के लिए जाना जाता है, जो गठिया जैसी बीमारियों में जोड़ों की सूजन और दर्द को कम करने में असरदार है। इसके नियमित सेवन से गठिया, गाउट और अन्य सूजन से जुड़ी समस्याओं से राहत मिल सकती है।

यह खासतौर से गठिया से जुड़ी सूजन (swelling), दर्द और लालिमा को कम करने में मददगार होता है। पत्थरचट्टा के पत्ते सेहत से जुड़ी कई समस्याओं के लिए एक प्राकृतिक उपचार के रूप में जाने जाते हैं। अगर आपको घाव, चोट या त्वचा संबंधी कोई समस्या है, तो पत्थरचट्टा के पत्तों को कुचलकर प्रभावित हिस्से पर लगाने से आपको काफी आराम मिल सकता है। इसके रस या काढ़े का सेवन करने से किडनी स्टोन, हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) जैसी गंभीर समस्याओं में भी फायदा मिल सकता है।
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