डेस्क। कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) के अवसर पर श्रद्धालुओं ने गंगा (Ganga) में आस्था की डुबकी लगाई। शुक्रवार की सुबह नदियों ने किनारे श्रद्धालुओं (devotees) की भीड़ उमड़ पड़ी। यह एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार (Hindu festival) है, जिसे कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। लोगों ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा का स्नान हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार बहुत महत्वपूर्ण होता है।
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कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) पर लाखों श्रद्धालु (devotees) रायबरेली के डलमऊ गंगा घाट पर गंगा में पवित्र डुबकी लगाने के लिए एकत्र हुए, जिससे क्षेत्र “हर हर गंगे” के उद्घोष से गूंज उठा। मेले में भारी भीड़ देखी गई और स्थानीय अधिकारी स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हाई अलर्ट पर थे। इस दिन लोग गंगा नदी में स्नान करते हैं और पुण्य की प्राप्ति करते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन लोग विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेते हैं, जिनमें गंगा (Ganga) स्नान, पूजा-अर्चना, और दान करना शामिल है। यह त्योहार हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है और इसे पूरे भारत में मनाया जाता है।

वाराणसी में गंगा के किनारे भारी भीड़ देखी गई। कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) पर, लाखों श्रद्धालु वाराणसी के घाटों पर गंगा (Ganga) में पवित्र डुबकी लगाने के लिए एकत्र हुए, उनका मानना है कि इससे उनकी इच्छाएं पूरी होंगी और वे पापों से मुक्त हो जायेंगे। कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) पर हजारों श्रद्धालु आध्यात्मिक योग्यता और आशीर्वाद की तलाश में, यमुना में पवित्र डुबकी लगाने के लिए प्रयागराज के बलुआ घाट पर एकत्र हुए।
प्रयागराज (Prayagraj) के बलुआघाट पर यमुना नदी के किनारे एक माह के भव्य मेले का आयोजन होता है। घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ स्नान के लिए उमड़ने लगी। इसमें ग्रामीण इलाकों से आए लोग खास महिलाओं की संख्या अत्यधिक थी। संध्या बेला में श्रद्धालुओं ने मां गंगा की आरती करेंगे। गंगा स्नान के बाद भक्तों ने नदी की धारा में दीप दान किया।
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