नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती (wrestling) में चल रहे संकट ने बुधवार को एक नया मोड़ ले लिया। यहां सैकड़ों जूनियर पहलवान अपने करियर के एक महत्वपूर्ण वर्ष के नुकसान के विरोध (protest) में जंतर-मंतर पर एकत्र हो गए। इस स्थिति के लिए उन्होंने शीर्ष पहलवान बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक (Sakshi Malik) और विनेश को दोषी ठहराया।
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भारतीय कुश्ती में पिछले एक साल से सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। सीनियर पहलवानों के प्रदर्शन के बाद भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (BrijBhushan Sharan Singh) को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी। उसके बाद चुनाव हुए तो खिलाड़ियों ने नए अध्यक्ष संजय सिंह का विरोध (protest) किया। साक्षी मलिक (Sakshi Malik) ने संन्यास का एलान कर दिया और बजंरग पूनिया-विनेश फोगाट ने अपने पुरस्कार वापस कर दिए। खेल मंत्रालय ने फिर कुश्ती संघ को ही निलंबित कर दिया।
अब बुधवार को एक बार फिर पहलवान जंतर-मंतर पर पहुंचकर प्रदर्शन (protest) कर रहे हैं, लेकिन इस बार यह विरोध कुश्ती संघ या उसके अधिकारियों के खिलाफ नहीं बल्कि बजरंग, साक्षी (Sakshi Malik) और विनेश फोगाट के खिलाफ है। युवा पहलवानों ने कहा कि वे चाहते थे कि चुनाव फिर से हो क्योंकि उन्हें लगता था कि विजेता बृज भूषण सिंह का सहयोगी है। उन्होंने बच्चों की कुश्ती और हमारे भविष्य को बर्बाद कर दिया है। हम इसके लिए एक साल से अभ्यास कर रहे हैं। वे ठीक से खाना नहीं खा पा रहे हैं और अपनी नींद बर्बाद कर रहे हैं क्योंकि वे अभ्यास करना चाहते हैं।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उन्होंने अपने विरोध (protest) के माध्यम से सब कुछ बर्बाद कर दिया है। एक बार फिर से खेल शुरू होने चाहिए। खास बात है कि सोमवार को WFI को चलाने के लिए बनी कमेटी ने घोषणा की कि वह आगामी एशियाई ओलंपिक क्वालीफाइंग और विश्व क्वालीफाइंग टूर्नामेंट की तैयारी के लिए वरिष्ठ पहलवानों के लिए राष्ट्रीय कोचिंग शिविर की मेजबानी करेगी।
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