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Tuesday, July 15, 2025

निमिषा प्रिया ही नहीं; इन भारतीयों को भी विदेश में दी जा चुकी है फांसी

नई दिल्ली। यमन (Yemen) की राजधानी सना की एक जेल में भारत की 38 वर्षीय नर्स निमिषा प्रिया (Nimisha Priya) हर पल मौत का सामना कर रही हैं। यहां की अदालत ने उनके लिए 16 जुलाई को फांसी देने की तारीख तय कर दी है। अब एक दिन के बाद उनका जीवन खत्म हो जाएगा। हालांकि विदेश में फांसी देने का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी तमाम भारतीयों (Indians) की जिंदगी विदेश में खत्म हो चुकी है।

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UAE में उत्तर प्रदेश की शहजादी खान को 2022 में एक चार महीने के बच्चे की हत्या के आरोप में दोषी ठहराया गया और 15 फरवरी 2025 को उन्हें फांसी दी गई। उनके परिवार ने दावा किया कि बच्चे की मौत टीकाकरण की गलती के कारण हुई थी लेकिन अदालत ने इसे स्वीकार नहीं किया। इसके अलावा केरल के दो नागरिक, मुहम्मद रिनाश अरंगीलोट्टू और मुरलीधरन पेरुमथट्टा वलप्पिल को भी हत्या के आरोप में फांसी दी गई।

इंडोनेशिया में तीन भारतीय नागरिकों (Indians)-रजू मुथुकुमारन, सेल्वादुरई दिनाकरन और गोविंदसामी विमलकांधन- को 2025 में नशीले पदार्थों की तस्करी के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करने और कांसुलर सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। इनके (Indians) परिवारों का कहना है कि उनके पास अपील के लिए वित्तीय साधन नहीं हैं, जिसके कारण भारत सरकार और दूतावास उनकी मदद कर रहे हैं।

कतर में 2023 में भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी। इन पर कथित तौर पर इजरायल के लिए कतर के सबमरीन प्रोग्राम की जासूसी का आरोप था। भारत सरकार ने इस फैसले को “हैरान करने वाला” बताया था। हालांकि बाद में कतर ने सभी को रिहा कर दिया था। भारत के अनुरोध पर उनकी सजा को कतर के अमीर ने पहले ही कम कर दिया था और उम्रकैद में बदल दिया था।

Tag: #nextindiatimes #Indians #NimishaPriya

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