लखनऊ। उत्तर प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों (teachers) और छात्रों की उपस्थिति को बढ़ाने के लिए योजना तैयार की गई है। हर दिन प्रार्थना सभा के दौरान शिक्षकों (teachers) की उपस्थिति की तस्वीर प्रधानाध्यापकों (headmaster) को खंड शिक्षा अधिकारियों को भेजनी होगी। डीजी (DG) स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने इस संबंध में गुरुवार को आदेश जारी कर दिए।
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हालांकि डीजी (DG) स्कूल शिक्षा द्वारा जारी आदेश का शिक्षक संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि यह शिक्षकों (teachers) पर अविश्वास जताने जैसा है। इसके अलावा तस्वीरें शिक्षक और शिक्षिकाओं की निजता से जुड़ी हैं। शिक्षक संगठनों (Teacher organizations) ने ऐलान किया है कि वे कोई भी तस्वीर खंड शिक्षा अधिकारियों को नहीं भेजेंगे।
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दरअसल ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद बेसिक स्कूल (basic schools) खुलने हैं। ऐसे में विद्यालयों (schools) के संचालन के संबंध में विशेष निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि विद्यालय शुरू होने के 15 मिनट पहले सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं (teachers), प्रधानाध्यापक और विद्यार्थी विद्यालय में उपस्थित हों। प्रार्थना सभाएं करवाई जाएं। इस दौरान सभी शिक्षक और शिक्षिकाओं (teachers) की उपस्थिति अनिवार्य होगी। प्रधानाध्यापक (headmaster) यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रार्थना सभाओं में शिक्षक और शिक्षिकाओं की तस्वीरें ली जाएं और उन्हें खंड शिक्षा अधिकारियों को नियमित तौर पर भेजा जाए।
इसके अलावा प्रधानाध्यापक (headmaster) इन तस्वीरों को अपने टैबलेट में भी सुरक्षित रखेंगे। डीजी स्कूल शिक्षा ने कहा है कि बिना सूचना के लिए लंबे समय तक अनुपस्थित शिक्षकों या प्रतिनिधि शिक्षकों (teachers) के लिए प्रधानाध्यापक और एबीएसए जिम्मेदार होंगे। जहां कहीं भी ऐसे प्रकरण पाए जाएंगे वहां एबीएसए और प्रधानाध्यापकों (headmaster) के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
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