नई दिल्ली। भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी (Nirav Modi), संजय भंडारी और विजय माल्या (Vijay Mallya) के खिलाफ कार्रवाई को लेकर केंद्र सरकार एक्शन मोड में आ गई है। सूत्रों ने बताया कि भगोड़े कारोबारियों को भारत लाने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI), प्रवर्तन निदेशालय (ED) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के अधिकारियों की एक उच्च-स्तरीय टीम ब्रिटेन जाएगी।
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हालिया जानकारी के अनुसार बताया गया है कि रक्षा डीलर संजय भंडारी, हीरा व्यापारी नीरव मोदी और विजय माल्या (Vijay Mallya) समेत भारत के वांछित भगोड़े कारोबारियों के प्रत्यर्पण में तेजी लाने के लिए टीम जल्द ही ब्रिटेन रवाना होगी। सूत्रों का कहना है कि इस दल की अगुवाई विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी कर रहे हैं। लंदन (London) में भारतीय उच्चायोग ने यूके (UK) के अधिकारियों के साथ बैठकें तय की हैं। इन बैठकों में वही सबूत जुटाए जाएंगे जिनसे मालूम चले कि भगोड़ों ने लंदन में कितनी संपत्ति हथिया ली है और उनके बैंक खातों में क्या लेनदेन हुए हैं।
भंडारी, मोदी और (Vijay Mallya) माल्या का प्रत्यर्पण फिलहाल यूके (UK) में अटका हुआ है क्योंकि उन्होंने भारत वापसी के खिलाफ उच्च अदालतों में अपील कर रखी है। ईडी (ED) ने पहले ही भारत में उनकी संपत्तियों को जब्त कर लिया है। विजय माल्या और नीरव मोदी (Nirav Modi) की हजारों करोड़ की संपत्ति बेचकर बैंकों का बकाया चुकाया जा चुका है।
हालांकि केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) एमएलएटी से संबंधित सभी मामलों को देखने के लिए नोडल मिनिस्ट्री है, लेकिन इस मामले में यूके (UK) के साथ बातचीत के लिए विदेश मंत्रालय को शामिल किया गया है क्योंकि सभी अनुरोध उसी के जरिए दूसरे देशों को भेजे जाते हैं। नीरव मोदी (Nirav Modi) पर पीएनबी की 6,500 करोड़ रुपये से अधिक की राशि के धोखाधड़ी के आरोप हैं, जबकि बैंकों को ठगने के लिए (Vijay Mallya) माल्या की 5,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क और जब्त की गई थी।
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