रामपुर। रामपुर (Rampur) के सिलईबड़ा गांव में फायरिंग में छात्र की मौत के बाद बवाल हो गया। लोगों ने रात भर धरना देते हुए पुलिस-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। मामले में लापरवाही मानते हुए चार सिपाहियों, एसडीएम (SDM) और तहसीलदार के दो हमराह समेत 25 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
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नाराज लोगों का कहना है कि एसडीएम (SDM) और तहसीलदार के खिलाफ भी नामजद एफआईआर होनी चाहिए। उधर दलित युवक की मौत के बाद यूपी के रामपुर (Rampur) जा रहे आजाद समाज पार्टी अध्यक्ष चंद्रशेखर (Samaj Party President Chandrashekhar) को पुलिस ने संभल में रोका। पुलिस ने चंद्रशेखर रावण (Chandrashekhar) को लोक निर्माण विभाग के निरीक्षण भवन में नजर बंद कर दिया। गेस्ट हाउस के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई। दलित नेता चंद्रशेखर (Chandrashekhar) सपा सांसद शफीकुर्र रहमान वर्क के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करने संभल आए थे।

सिलईबड़ा गांव में दो पक्षों के बीच विवाद ने तूल पकड़ा तो मंगलवार की शाम करीब चार बजे एसडीएम (SDM) और तहसीलदार मौके पर पहुंच गए। ग्राम समाज की भूमि पर आंबेडकर पार्क (Ambedkar Park) का बोर्ड लगाने वाले पक्ष ने बोर्ड हटाने की कोशिश देख एसडीएम (SDM) और तहसीलदार की गाड़ियों पर पथराव कर दिया। इन अफसरों के हटते ही दोनों पक्षों ने आपस में पथराव और फायरिंग (firing) शुरू कर दी।

इसके बाद आला अफसरों (officers) ने मौके का रुख किया। तीन थानों की पुलिस (police) लगाकर गांव को छावनी में तब्दील कर दिया। दो पक्षों के विवाद में एक पक्ष की उत्तेजना तब और बढ़ गई जब उस पक्ष से जुड़े हाईस्कूल (high school) के छात्र सुमेश की गोली लगने से मौत हो गई। सुमेश के परिजनों ने पुलिस (police) की गोली से बेटे की मौत का आरोप लगाते हुए अफसरों (officers) पर सवाल दागने शुरू कर दिए। ग्रामीणों ने दो पुलिस कर्मियों पर फायरिंग (firing) का आरोप लगाया है। ऐसा आरोप लगाने वालों को एसपी ने मामले की निष्पक्ष जांच का भरोसा दिया है।
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