डेस्क। अभी हाल ही में हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी (HCU) कैंपस के पास 400 एकड़ में फैले विशाल हरित क्षेत्र कांचा गचीबावली जंगल (Kancha Gachibowli forest) में पेड़ों की कटाई कर दी गई। इस इलाके को हैदराबाद के “लंग्स” यानी फेफड़े के रूप में जाना जाता है। हालांकि शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार (government) को तुरंत वनों की कटाई रोकने का निर्देश दिया है लेकिन कुछ दिनों से ये मुद्दा काफी गरमाया हुआ है। बात जब जंगल की चल रही है तो आज हम आपको जंगल की दुनिया को बड़ी ही खूबसूरती से कैमरे में कैद करने वाली कुछ महिलाओं (female wildlife photographers) के बारे में आपको बताएंगे।
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जंगलों में जाकर वन्यजीवों की तस्वीरें खींचना और दुर्लभ प्रजातियों को कैमरे में कैद करना आसान काम नहीं है लेकिन कुछ ऐसी साहसी महिला वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर्स (female wildlife photographers) हमारे देश में हैं, जिन्होंने वन्यजीव फोटोग्राफी फील्ड में पहचान बनाई है।
-अपरूपा डे एक वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर (female wildlife photographers) हैं। इन्होने भारत की विविध जैव विविधता को कैमरे में कैद करने के लिए कई साल समर्पित किए हैं। वह अपनी फोटोग्राफी के जरिए उन प्रजातियों पर ध्यान खींचती हैं, जिनके बारे में कम जानकारी उपलब्ध है। उनकी तस्वीरें न केवल वन्यजीवों की खूबसूरती को दर्शाती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण से जुड़े मुद्दों को भी उजागर करती है।
-डॉक्टर लतिका नाथ को बाघ संरक्षण से उनके गहरे जुड़ाव के कारण भारत की टाइगर प्रिंसेस के रूप में जाना जाता है। उन्होंने वन्यजीव संरक्षण में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की है। हालांकि, जब उन्होंने बाघ संरक्षण के क्षेत्र में कदम रखा, तो यहां पूरी तरह पुरुष वर्चस्व था। लतिका ने जब बाघ संरक्षण क्षेत्र में कदम रखा, तो कई लोगों को यह बात रास नहीं आई और लोग उनके खिलाफ बातें बनाने लगे। अब, लतिका अपने संरक्षण कार्य को फोटोग्राफी (female wildlife photographers) के जरिए आगे बढ़ाती हैं। उनकी तस्वीरें बाघों और प्राकृतिक पर्यावरण की खूबसूरती को जीवंत रूप में दिखाती हैं।

-ऐश्वर्या श्रीधर ने अपने वन्यजीव फोटोग्राफी करियर की शुरुआत की थी, तो लोग अक्सर उनकी उम्र और जेंडर को लेकर सवाल किया करते थे। हालांकि, समय के साथ उन्होंने खुद को साबित किया और उनकी फोटोग्राफी को पहचान मिलने लगी। लेकिन, सफलता के साथ उन्हें आलोचना की भी सामना करना पड़ा। एक बार एक पुरुष कैमरामैन को काम पर न रखने पर ऐश्वर्या को ऑनलाइन काफी ट्रोल किया गया। उनके बारे में गलत अफवाह फैलाई गई और उन्हें नीचा दिखाया गया। ऐश्वर्या ने सब कुछ सहन किया लेकिन हार नहीं मानी।
-अर्पिता एक रूढ़िवादी परिवार से हैं, जहां लड़कियों के लिए डॉक्टर, इंजीनियर या टीचर बनना सही माना जाता था, लेकिन कैमरा उठाकर जंगलों में घूमना? यह उनकी फैमिली में कभी किसी ने नहीं सोचा था। उन्होंने अपने घर के पास के पार्कों में पक्षियों और कीड़ों की तस्वीर खींचनी शुरू की और अपनी फोटोग्राफी को निखारना शुरू किया।
-आरज़ू खान घंटो पक्षियों को निहारतीं, उनके चमकीले रंग और उड़ान से मोहित हो जाती थीं। जब उन्हें 16 साल की उम्र में पहली बार कैमरा मिला था, तो उन्हें एहसास हुआ कि उनका असली सपना जंगल की खूबसूरती को कैमरे में कैद करना है। सफर की तैयारी शुरू होने से पहले उन्हें कई तरह की सलाह दी जाने लगी, लेकिन आरज़ू को केवल अपनी तस्वीरों की चिंता थी। उनका ध्यान पूरी तरह से जंगल के दुर्लभ जीवों को अपने लेंस में कैसे कैद किया जाए, इस बात पर था।
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