नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लाये जा रहे ‘हिट एंड रन’ (Hit and Run) के नए कानून को लेकर देशभर में ट्रक ड्राइवरों (truck drivers) और ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स द्वारा चक्काजाम किया जा रहा है। नए कानून के विरोध में यूपी, बिहार, राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश के ड्राइवरों (truck drivers) ने चक्का जाम करना शुरू कर दिया है।
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कुछ जगहों से ट्रैफिक जाम, अराजकता और पुलिस द्वारा हल्के बल प्रयोग की भी खबरें सामने आ रही है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि हिट एंड रन (Hit and Run) को लेकर नया कानून क्या कहता है, पुराना कानून क्या था, इसका विरोध क्यों हो रहा है और ट्रक ड्राइवरों (truck drivers) का यह विरोध कितना जायज है।
इस कानून के तहत एक्सीडेंट होने पर यदि किसी की मौत हो जाती है तो वाहन चालकों (truck drivers) को 10 साल की सजा और 7 लाख के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। दरअसल केंद्र सरकार द्वारा सड़क हादसों पर नियंत्रण करने के लिए ‘हिट एंड रन’ कानून में बदलाव किया गया है। जिसको लेकर वाहन चालकों में आक्रोश है। वहीं इस कानून के विरोध में देश के कई राज्यों में ड्राइवर (truck drivers) सड़कों पर उतर आए हैं।
हिट एंड रन का सीधा सा अर्थ है कि दुर्घटना के बाद ड्राइवर (truck drivers) का गाड़ी के साथ मौके से भाग जाना। अगर किसी गाड़ी से किसी को टक्कर लग गई घायल की मदद करने के बजाय ड्राइवर गाड़ी को लेकर फरार हो जाता है तो ऐसे केस हिट एंड रन (Hit and Run) में गिने जाते हैं। हिट एंड रन के पुराने कानून के मुताबिक ऐसे मामलों में ड्राइवर को जमानत भी मिल जाती थी और अधिकतम दो साल की सजा का प्रावधान था। कई बार हम देखते हैं कि दुर्घटना (accident) में घायल व्यक्ति को अगर एक्सीडेंट करने वाला समय पर अस्पताल पहुंचा देता है तो उसकी जान बच जाती है। हालांकि, एक्सीडेंट (accident) के बाद मौके से भागने के केस को हिट एंड रन कहा जाता है। ऐसे ही केस में सख्ती का प्रावधान किया गया है।
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