नई दिल्ली। रूस (Russia) द्वारा निर्मित गाइडेड मिसाइल युद्धपोत आईएनएस तुशिल (INS Tushil) को सोमवार को भारतीय नौसेना में शामिल कर लिया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh), नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी और अन्य वरिष्ठ भारतीय अधिकारियों की उपस्थिति में इस जहाज को रूस के तटीय शहर कैलिनिनग्राद में भारतीय नौसेना (Indian Navy) को सौंपा गया।
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आईएनएस तुशिल (INS Tushil) के आने से हिंद महासागर में भारतीय नौसेना (Indian Navy) की परिचालन क्षमता और ताकत जबर्दस्त ढंग से बढ़ेगी। पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में चीनी नौसेना (पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी) के बढ़ते हमले देखे गए हैं। यह युद्धपोत मॉस्को (Moscow) के साथ वर्ष 2016 में दिल्ली द्वारा किए गए 250 करोड़ डॉलर के सौदे के तहत भारतीय नौसेना (Indian Navy) को मिलने वाले चार टोही युद्धपोतों में से एक है।
सौदे के तहत दो युद्धपोतों का निर्माण रूस (Russia) में किया जाएगा, जबकि अन्य दो को भारत में बनाया जाएगा। इस दौरान रक्षा मंत्री ने कहा कि यह समुद्र में भारत की बढ़ती क्षमता का गौरवपूर्ण क्षण होने के साथ रूस के साथ दीर्घकालिक संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह जहाज (INS Tushil) रूसी और भारतीय उद्योगों के सहयोगात्मक कौशल का बड़ा सबूत है। भारत और रूस अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा (cyber security), अंतरिक्ष खोज और आतंकरोधी क्षेत्रों में एक-दूसरे की विशेषज्ञता से लाभ लेते हुए सहयोग के एक नए दौर में पहुंचेंगे।
125 मीटर लंबे 3,900 टन वजनी यह युद्धपोत (INS Tushil) अत्याधुनिक तकनीक और निर्माण के श्रेष्ठ मानकों को ध्यान में रखते हुए निर्मित किया गया है। इसकी नई डिजाइन जहाज की टोही विशेषताओं और स्थायित्व को मजबूत बनाती है। कैलिनिनग्राद में इस जहाज के निर्माण पर भारतीय विशेषज्ञों की टीम द्वारा लगातार करीबी से नजर रखी गई।
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