डेस्क। दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी में एक भीषण चक्रवाती तूफान (Cyclone) ‘मोंथा’ आंध्र प्रदेश के तटीय जिलों की ओर बढ़ रहा है। इसने पूर्व, दक्षिण, पश्चिम से लेकर उत्तरी राज्यों तक मौसम में बारिश घोल दी है, जोकि बिन मौसम बरसात कही जा रही है। फिलहाल आइए जानते हैं कि इन तूफानों का नामकरण कैसे किया जाता है।
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उत्तरी हिंद महासागर क्षेत्र के लिए चक्रवातों के नाम विश्व मौसम विज्ञान संगठन और एशिया एवं प्रशांत क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्रीय आर्थिक एवं सामाजिक आयोग के अंतर्गत गठित एक समिति द्वारा तय किए जाते हैं। उत्तरी हिंद महासागर क्षेत्र में आने वाले चक्रवातों के नामकरण के लिए 13 देशों का एक समूह है, जिसमें भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, थाईलैंड, म्यांमार, ओमान, ईरान, मालदीव, कतर, सऊदी अरब, UAE और यमन शामिल हैं। हर देश नामों की एक सूची तैयार करता है और प्रस्तुत करता है।

एक बार नाम का इस्तेमाल हो जाने के बाद उसे दोहराया नहीं जाता। इससे हर तूफान की मौसम संबंधी इतिहास में अपनी अलग पहचान होती है। यह नाम थाईलैंड द्वारा सुखाया गया था और इसका मतलब है एक सुगंधित और सुंदर फूल। दरअसल हर चक्रवात का नाम कुछ दिशा निर्देशों को पालन करता है। यह छोटा, सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील और अलग-अलग भाषाओं में उच्चारण में आसान होना चाहिए।
मोंथा चक्रवात बंगाल की खाड़ी में बना एक शक्तिशाली उष्णकटिबंधीय तूफान है, जो 28 अक्टूबर 2025 को आंध्र प्रदेश के काकीनाडा के पास तट से टकराने की संभावना रखता है। इसके चलते 90–110 किमी प्रति घंटे की तेज़ हवाएं चल सकती हैं और कई तटीय जिलों में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
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