केरल। केरल (Kerala) के तिरुवनंतपुरम के करयावट्टोम स्थित सरकारी कॉलेज में एक जूनियर छात्र से रैगिंग (ragging) मामले में सात छात्रों (students) को निलंबित किया गया है। इस दौरान पीड़ित छात्र का भी बयान सामने आया है। पीड़ितों में से एक छात्र ने कहा, ‘मैंने अपना बयान दे दिया है और पुलिस FIR दर्ज करेगी।’
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छात्र के पिता के अनुसार रैगिंग (ragging) के कारण पीड़ित को गंभीर चोटें आईं और उसका इलाज चल रहा है। उन्होंने कहा, ‘दोस्तों के बीच झगड़ा हुआ था। रैगिंग हुई है। उस पर गंभीर हमला हुआ और उसका इलाज (treatment) चल रहा है। हमने पुलिस को बयान दिया है। यह विशेष घटना उच्च शिक्षा विभाग के तहत आने वाले कॉलेज में हुई है। इसलिए ऐसी गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करना हमारा दायित्व है। एंटी-रैगिंग (ragging) सेल की ओर से तत्काल हस्तक्षेप किया गया और कथित छात्रों को पहले ही कैंपस से निलंबित कर दिया गया है।

वहीं पीड़ित ने मीडिया को बताया, ‘यह घटना तब हुई जब मैं और मेरा दोस्त अभिषेक कैंपस से गुजर रहे थे। तभी सीनियर्स के एक ग्रुप ने हमें रोक लिया और मुझे पीटना शुरू कर दिया। मेरा दोस्त किसी तरह वहां से भाग निकला और प्रिंसिपल को इसकी जानकारी दी। छात्र ने आगे बताया उन्होंने मुझे कमरे में बंद किया मेरी शर्ट उतारी और पीटा।
कोट्टायम के सरकारी नर्सिंग कॉलेज में 5 सीनियर स्टूडेंट्स पर रैगिंग (ragging) के आरोप लगे। इन्होंने 3 जूनियर स्टूडेंट्स के कपड़े उताकर उनके प्राइवेट पार्ट पर डंबल लटका दिया। कंपास और नुकीली चीजों से उन पर हमला किया। जख्मों पर लोशन लगाया और जब पीड़ित दर्द से चिल्लाए तो मुंह में लोशन डाल दिया। तीनों पीड़ित फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट हैं और तिरुवनंतपुरम के ही रहने वाले हैं। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपी स्टूडेंट्स को गिरफ्तार कर लिया था।
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