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Friday, July 18, 2025

लाक्षागृह पर हिंदुओं को मिला अधिकार, 100 बीघा जमीन पर मुस्लिम कर रहे थे दावा

बागपत। उत्तर प्रदेश की बागपत (Baghpat) कोर्ट ने हिंदू पक्ष को लाक्षागृह (Lakshagriha) केस में बड़ा फैसला दे दिया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत (Baghpat) के बरनावा में लाक्षागृह (Lakshagriha) पर चल रहे विवाद में बड़ा फैसला आया। करीब 54 वर्षों के बाद कोर्ट की सुनवाई पिछले साल शुरू हुई थी। वर्ष 1970 से इस मामले की सुनवाई चल रही है।

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बागपत (Baghpat) डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन कोर्ट में सिविल जज जूनियर डिवीजन प्रथम की कोर्ट मंगलवार को इस लंबे समय से चल रहे मामले पर फैसले की उम्मीद की जा रही थी। इस फैसले पर हिंदू एवं मुस्लिम (Muslim) दोनों पक्षों की नजरें टिकी हुई थी। कोर्ट (COURT) ने अब इस मामले में अपना फैसला सुना दिया है। लाक्षागृह (Lakshagriha) टीले को लेकर हिंदू और मुस्लिम पक्ष के बीच पिछले 54 सालों से विवाद चल रहा था। बताया जाता है कि वर्ष 1970 में मेरठ के सरधना की कोर्ट में बरनावा निवासी मुकीम खान ने वक्फ बोर्ड (Waqf Board) के पदाधिकारी की हैसियत से एक केस दायर कराया था।

लाक्षागृह (Lakshagriha) गुरुकुल के संस्थापक ब्रह्मचारी कृष्णदत्त महाराज को प्रतिवादी बनाते हुए दावा किया था कि बरनावा स्थित लाक्षागृह (Lakshagriha) टीले पर शेख बदरुद्दीन की मजार और एक बड़ा कब्रिस्तान (GRAVEYARD) मौजूद है। वक्फ बोर्ड (Waqf Board) का इस पर अधिकार है। उन्होंने आरोप लगाया गया कि कृष्णदत्त महाराज बाहर के रहने वाले हैं, जो कब्रिस्तान को खत्म करके यहां हिंदुओं का तीर्थ बनाना चाहते हैं। इसमें मुकीम खान और कृष्णदत्त महाराज फिलहाल दोनों ही लोगों का निधन हो चुका है। दोनों पक्ष से अन्य लोग ही वाद की पैरवी कर रहे हैं।

मुस्लिम पक्ष का दावा है कि यहां उनके बदरुद्दीन (Badruddin) नामक संत की मजार थी। इसे बाद में हटा दिया गया। यहां उनका कब्रिस्तान (graveyard) है। इसी विवादित 108 बीघे जमीन पर पांडव कालीन एक सुरंग है। दावा किया जाता है कि इसी सुरंग के जरिए पांडव लाक्षागृह (Lakshagriha) से बचकर भागे थे। इतिहासकारों का दावा है कि इस जगह पर जो अधिकतर खुदाई हुई है। उसमें को साक्ष्य मिले हैं। वे सभी हजारों साल पुराने हैं, जिसके आधार पर कहा जा सकता है कि यहां पर मिले हुए ज्यादातर सबूत हिंदू सभ्यता (Hindu civilization) के ज्यादा करीब है। मुस्लिम पक्ष के दावे पर हैरानी जताई जाती रही है।

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