नई दिल्ली। दिल्ली में राउ IAS कोचिंग (IAS coaching) हादसे में आज हाईकोर्ट (High Court) में दूसरी सुनवाई हो रही है। कोर्ट (High Court) ने दिल्ली पुलिस (Delhi Police) को फटकार लगाते हुए कहा कि आप सड़क से गुजर रहे व्यक्ति को कैसे अरेस्ट कर सकते हैं। आपको माफी मांगनी चाहिए। पुलिस (Delhi Police) का सम्मान तब होता है, जब आप अपराधी को गिरफ्तार करते हैं और निर्दोष को छोड़ देते हैं।
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आगे हाईकोर्ट (High Court) ने कहा कि अगर आप निर्दोष को गिरफ्तार करते हैं और दोषी को छोड़ देते हैं तो यह दुख की बात है। इसके बाद दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने माफी मांगी। दरअसल पुलिस ने घटना वाले दिन कोचिंग (coaching) के बाहर SUV लेकर निकलने वाले मनुज कथूरिया को अरेस्ट किया था। आरोप था कि गाड़ी निकलने से पानी का प्रेशर बढ़ा और कोचिंग (coaching) के अंदर पानी घुसा।
हालांकि कार चला रहे मनुज को एक अगस्त को जमानत मिल गई थी। कुटुंब ट्रस्ट की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट (High Court) के एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। दरअसल दिल्ली के राउ IAS कोचिंग (IAS Coaching) के बेसमेंट में स्थित लाइब्रेरी (library) में पानी भरने से 27 जुलाई को तीन स्टूडेंट्स की मौत हो गई थी।
अदालत (High Court) ने इससे पहले कहा था कि आपके सिविक अथॉरिटी दिवालिया हैं। अगर आपके पास वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं तो आप इन्फ्रा कैसे अपग्रेड करेंगे? आप कोई पैसा इकट्ठा नहीं कर रहे हैं, इसलिए आप कोई पैसा खर्च नहीं कर रहे हैं। कोर्ट (High Court) ने कहा था कि आपने कनिष्ठ अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है, लेकिन उस वरिष्ठ अधिकारी के बारे में क्या, जिन्हें निगरानी करनी चाहिए था? कभी-कभी वरिष्ठ अधिकारियों को निरीक्षण करना पड़ता है और स्वीकार करना पड़ता है। वे अपने एसी ऑफिस (offices) नहीं छोड़ रहे हैं।
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