असम। पिछले एक माह से बाढ़ (Flood) से जूझ रहे असम (Assam) और अरुणाचल में लोग अस्थायी कैंपों (camps) में रह रहे हैं। असम (Assam) में बाढ़ (Flood) की स्थिति और बदतर होती जा रही है। असम में करीब 3 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं और अब तक 60 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
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लगातार हो रही बारिश से ब्रह्मपुत्र (Brahmaputra) नदी में पानी बढ़ गया है जिससे कुछ दिनों संभलने के बाद रविवार को बाढ़ (Flood) ने फिर विकराल रूप ले लिया और नगांव, डिब्रूगढ़ (Dibrugarh) समेत दर्जन भर जिले पानी में डूब गए। लोगों के घरों में घुटनों पानी भरा है। एनडीआरएफ (NDRF) की टीमें उन्हें सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा रही हैं। वहीं गुजरात के सूरत में भी तूफान ने भारी तबाही मचाई। बड़ी संख्या में पेड़ गिरने से कई रास्ते बंद है। भारी बारिश और बाढ़ (Flood) की स्थिति के कारण पशु फंसे हुए हैं, जिससे वाहनों की चपेट में आने से चोट लगने और मौत की संभावना बनी हुई है।

असम (Assam) में बाढ़ की स्थिति बद्तर होती जा रही है और जलस्तर बढ़ने की वजह से काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (Kaziranga National Park) और टाइगर रिजर्व में स्थित 233 वन शिविरों में से 26 प्रतिशत से अधिक जलमग्न हो गए हैं। वहीं भारत-चीन सीमा पर भी कई इलाकों से सड़क मार्ग का संपर्क कट गया है। असम (Assam) राज्य आपदा प्रबंधन अथॉरिटी के मुताबिक बाढ़ (Flood) प्रभावित जिलों की संख्या 12 से बढ़कर 19 हो गई है। ईटानगर में भारी बारिश की वजह से 2 से 6 जुलाई तक स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया गया है।

उधर बदरीनाथ धाम में अलकनंदा (Alaknanda) नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। सोमवार दोपहर नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। पुलिस प्रशासन ने तप्तकुंड (Taptkund) खाली करा दिया है। यहां से नदी का जलस्तर मात्र छह फीट नीचे रह गया है। नारद शिला और वारहशिला पानी में डूब चुके हैं। पुलिस ने पूरे धाम में यात्रियों व स्थानीय लोगों को अनाउंस कराकर सतर्क किया। साथ ही तप्तकुंड (Taptkund) को भी खाली करा दिया गया है। ऊपरी क्षेत्रों में हो रही बारिश से पिछले कुछ दिनों से अलकनंदा (Alaknanda) नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।
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