कर्नाटक। एक तरफ अयोध्या में प्रभु श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा की जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं। वहीं दूसरी तरफ राम मंदिर (Ram Mandir) आंदोलन के दौरान कर्नाटक (Karnataka) में हुई हिंसा की फाइलें फिर से खुल गई हैं और मंदिर आंदोलन से जुड़े लोगों की गिरफ्तारियां भी शुरू हो गई है। इन फाइलों में 300 से अधिक राम मंदिर (Ram Mandir) समर्थकों के नाम हैं।
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पुलिस ने अब तक दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं बाकियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने विशेष टीमों का गठन किया है। दरअसल, 30 साल पहले 1992 में भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) ने राम जन्मभूमि रथ यात्रा आंदोलन शुरू किया था। उस दौरान देश भर में सांप्रदायिक दंगे हुए थे। कर्नाटक (Karnataka) में भी काफी हिंसा हुई थी। कई राज्यों में राम मंदिर (Ram Mandir) समर्थकों के खिलाफ मुकदमे भी दर्ज किए गए थे। इनमें 300 से अधिक लोगों को नामजद किया गया था। अब कर्नाटक (Karnataka) पुलिस ने 31 साल पुरानी उन फाइलों को खोल दिया है। इसी के साथ सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है।
मामले में कार्रवाई करते हुए कर्नाटक (Karnataka) की हुबली पुलिस ने 5 दिसंबर 1992 को एक दुकान में आग लगाने वाले श्रीकांत पुजारी को गिरफ्तार कर लिया है। पुजारी तीसरा आरोपी है। पुलिस को अब अन्य 8 आरोपियों की तलाश है, जिसके लिए स्पेशल टीमें गठित कर दी गई हैं।
राज्य पुलिस के इस कदम के बाद भाजपा ने अब राज्य में कांग्रेस सरकार (Karnataka) पर हमला करना शुरू कर दिया है और आरोप लगाया है कि सरकार भव्य उद्घाटन से पहले राम भक्तों को डरा रही है। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस सरकार हिंदू कार्यकर्ता के मन में भय पैदा करके राममंदिर (Ram Mandir) में रामलला मूर्ति प्रतिष्ठापना कार्यक्रम में भाग लेने से रोकने के लिए ऐसा कर रही है।
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