नई दिल्ली। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी को लेकर कानून बनाने समेत विभिन्न मांगों के लिए पंजाब-हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों ने राष्ट्रव्यापी विरोध-प्रदर्शन (protests) की पूरी तैयारी कर ली है। किसान संगठन (Farmer organization) दिल्ली की सीमाओं पर दिखना शुरू हो गए हैं। वे अपनी मांगों के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं।
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पंजाब-हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान संगठन (Farmer organization) दिल्ली की सीमाओं पर तैनात हो चुके हैं। साल 2021 के प्रदर्शन की तरह ही इस बार भी किसान अपनी मांगों के लिए विरोध (protests) पर उतरे हैं। वे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी को लेकर कानून बनाने समेत अपनी और कई मांगों को स्वीकार कराने के लिए विरोध प्रदर्शन (protests) का आह्वान किया। किसानों (Farmer) के प्रदर्शन को देखते हुए राज्यों की सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

किसानों (Farmer) में दिल्ली कूच को लेकर भारी उत्साह दिख रहा है। छह महीनों का राशन ट्रैक्टर ट्रालियों में लेकर पहुंच रहे हैं। शंभू बॉर्डर (Shambhu border) पर किसानों का प्रोटेस्ट जारी है। इस क्रम में किसान और जवान आमने-सामने हैं। पुलिस पर पथराव किया गया। जिसके बाद पुलिस ने कई बार आंसू गैस के गोले छोड़े। आंसू गैस के गोलों के कारण किसान (Farmer) एक बार पीछे हटे लेकिन धुंआ कम होते से किसान तुंरत सामने आ गए। मौके पर अभी हजारों किसान(Farmer), फतेहगढ़ साहिब से पांच हजार से अधिक ट्रैक्टर अभी रास्ते में हैं।
अम्बाला-पंजाब पर मौजूद शंभू बॉर्डर (Shambhu border) पर किसानों (Farmer) को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए हैं। पूरा इलाका सफेद चादर में लिपट चुका है। किसानों (Farmer) के दिल्ली चलो मार्च के मद्देनजर कानून व्यवस्था बनाए रखने के उपाय के रूप में हरियाणा के बहादुरगढ़ में कंक्रीट स्लैब, कंटीले तार लगाए गए हैं और पुलिस बल (police) की तैनाती की गई है।
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