रांची। झारखंड (Jharkhand) विधानसभा चुनाव से पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रांची में ताबड़तोड़ छापामारी की है। ईडी (ED) ने शराब घोटाले मामले में IAS अधिकारी विनय चौबे के ठिकाने समेत 15 जगहों पर छापामारी की है। वरिष्ठ IAS विनय चौबे के अलावा उत्पाद विभाग के संयुक्त सचिव गजेंद्र सिंह और संबंधित अधिकारियों के चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) के ठिकानों पर छापामारी की गई है।
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बता दें कि छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा EOW ने पहले ही इस मामले में उत्पाद विभाग के तत्कालीन सचिव विनय कुमार चौबे और संयुक्त सचिव गजेंद्र सिंह के खिलाफ FIR दर्ज की थी। रांची के विकास कुमार ने एफआईआर दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया था। जिसके बाद रायपुर में प्राथमिकी दर्ज हुई। आवेदन में कहा गया था कि शराब घोटाले की पूरी साजिश रायपुर में ही रची गई थी और आबकारी नीति में फेरबदल कराया गया।
रांची (Ranchi) के अरगोड़ा निवासी विकास सिंह ने रायपुर के आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत की थी। उनका आरोप था कि अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी व उनके सिंडिकेट ने झारखंड के अधिकारियों के साथ मिलकर साजिश पूर्वक झारखंड (Jharkhand) की आबकारी नीति में फेर बदलकर वहां देसी व विदेशी शराब का ठेका सिंडिकेट के लोगों को दिलवाकर धोखाधड़ी की है और झारखंड सरकार को करोड़ों की क्षति पहुंचाई है।
सिंडिकेट ने झारखंड (Jharkhand) में बेहिसाब नकली होलोग्राम लगी देसी शराब की बिक्री कर तथा विदेशी शराब की सप्लाई का काम दिलवाकर उन कंपनियों से करोड़ों रुपये का अवैध कमीशन प्राप्त किया है। अनिल टुटेजा व उनके सिंडिकेट ने झारखंड (Jharkhand) में अवैध शराब व्यवसाय के इरादे से जनवरी 2022 में अनवर ढेबर व अरुणपति त्रिपाठी ने झारखंड के तत्कालीन आबकारी सचिव व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मिलीभगत की।
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