हेल्थ डेस्क। बादाम (Almonds) पोषक तत्वों का भंडार माने जाते हैं। इनमें फाइबर, विटामिन-ई, मैग्नीशियम और हेल्दी फैट्स भरपूर होते हैं। यही कारण है कि इन्हें “सुपरफूड” कहा जाता है, लेकिन इनके भीतर मौजूद ऑक्सलेट नामक तत्व कभी-कभी समस्या पैदा कर सकते हैं।
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बता दें, जब शरीर में ऑक्सलेट की मात्रा ज्यादा हो जाती है, तो यह कैल्शियम से मिलकर कैल्शियम ऑक्सलेट क्रिस्टल बनाने लगता है। यही क्रिस्टल धीरे-धीरे किडनी स्टोन्स का रूप ले लेता है। अगर कोई व्यक्ति रोजाना बहुत ज्यादा मात्रा में बादाम खाता है, तो उसके यूरिन में ऑक्सलेट लेवल बढ़ सकता है और पथरी बनने का खतरा भी। बादाम ब्रेन को स्ट्रॉन्ग रखते हैं लेकिन “हद से ज्यादा” चीज यहां भी नुकसानदेह हो सकती है।

हालांकि बादाम को पूरी तरह छोड़ने की जरूरत नहीं है। संतुलित मात्रा में बादाम खाना फायदेमंद है। दिन में एक छोटी मुट्ठी (लगभग 6–8 बादाम) ही पर्याप्त मानी जाती है। खूब पानी पीना जरूरी है ताकि ऑक्सलेट शरीर से बाहर निकल सके।बादाम को कैल्शियम से भरपूर भोजन (जैसे दही या दूध) के साथ खाने से ऑक्सलेट का असर कम हो सकता है। भिगोकर या हल्का भूनकर बादाम खाने से भी इनमें मौजूद घुलनशील ऑक्सलेट कुछ हद तक कम हो जाते हैं।
सिर्फ बादाम ही नहीं, कई अन्य फूड्स भी ऑक्सलेट से भरपूर होते हैं, जैसे पालक, चुकंदर, अरबी और काजू। इन सबका ज्यादा सेवन करने से भी किडनी स्टोन का खतरा बढ़ सकता है, लेकिन बादाम की खासियत यह है कि यह एनर्जी डेंस होते हैं यानी इन्हें ज्यादा खाना आसान है। कई बार लोग हेल्दी स्नैक समझकर एक बार में बड़ी मात्रा में बादाम खा जाते हैं और बिना जाने ऑक्सलेट की सीमा पार कर जाते हैं।
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