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Saturday, September 20, 2025

बीच में ही छोड़ा कॉलेज, इस गाने ने रातोंरात बना दिया था जुबिन गर्ग को स्टार

एंटरटेनमेंट डेस्क। जुबिन गर्ग (Zubeen Garg) के अचानक निधन से उनके फैंस सदमे में हैं। मशहूर सिंगर का 52 साल की उम्र में निधन हो गया। एक दुर्घटना में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन दुर्भाग्य से उनकी मृत्यु हो गई। जुबिन तो चले गए लेकिन अपने पीछे म्यूजिक की एक खूबसूरत विरासत छोड़ कर गए हैं।

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ज़ुबीन गर्ग का जन्म मेघालय के तुरा में एक असमिया ब्राह्मण परिवार में हुआ था, उनके माता-पिता नाम मोहिनी मोहन बोरठाकुर और स्वर्गीय इली बोरठाकुर था। फेमस म्यूजिशियन जुबीन मेहता के नाम पर उन्होंने अपना नाम रखा था। उनके पिता मोहिनी बोरठाकुर एक मजिस्ट्रेट के थे और कपिल ठाकुर के नाम से कवि और गीतकार भी थे जबकि उनकी मां इली बोरठाकुर एक सिंगर थीं।

गर्ग की छोटी बहन जोंगकी बोरठाकुर एक्ट्रेस और सिंगर थीं जिनकी फरवरी 2002 में एक स्टेज परफॉर्मेंस के लिए जाते समय एक कार दुर्घटना में दुखद मृत्यु हो गई थी। उनकी एक और बहन भी हैं डॉ. पाल्मे बोरठाकुर। गर्ग ने तामुलपुर हायर सेकेंडरी स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और बी. बरूआ कॉलेज में साइंस में ग्रेजुएशन के लिए एडमिशन लिया था। अपने म्यूजिक करियर पर फोकस करने के लिए उन्होंने कॉलेज छोड़ दिया और 4 फरवरी, 2002 को गोलाघाट, असम की एक फैशन डिजाइनर गरिमा सैकिया से शादी कर ली।

बॉलीवुड में उन्हें गैंगस्टर (2006) के गाने या अली से सफलता मिली, जिसके लिए उन्हें बेस्ट प्लेबैक सिंगर का GIFA अवार्ड मिला। इसके बाद उन्होंने कृष 3 के दिल तू ही बता, दम मारो दम के जीना है, राज 3 का क्या राज है, चांदनी रात के अंखियां है या कोई, पाकिजा, मुद्दा के सपना सारे, जैसे बेहतरीन गानों को अपनी आवाज दी।

Tag: #nextindiatimes #ZubeenGarg #Entertainment

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