डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के सभी आवारा कुत्तों को शेल्टर होम्स में रखने का आदेश दिया है। दिल्ली सरकार को दो महीने के अंदर इस काम को अंजाम देना है। इसके लिए देसी कुत्तों को पकड़ने की कार्रवाई भी शुरू हो गई है। लेकिन क्या आप जानते हैं यदि कुत्ते काट ले तो उससे होने वाला रेबीज (rabies) कितना घातक हो सकता है।
यह भी पढ़ें-कितना होता है नॉर्मल ब्लड शुगर, कब होता है डायबिटीज का खतरा?
रेबीज (rabies) एक घातक वायरस है जो संक्रमित जानवरों की लार से लोगों में फैलता है। रेबीज वायरस आमतौर पर काटने से फैलता है। एक बार जब किसी व्यक्ति में रेबीज के संकेत या लक्षण दिखने शुरू होते हैं, तो उसके लिए बचना मुश्किल होता है। ऐसे लोग इन्हें रेबीज होने का खतरा हो सकता है, उन्हें सुरक्षा के लिए रेबीज के टीके लगवाने चाहिए।

रेबीज वायरस (rabies virus) रेबीज संक्रमण का कारण बनता है। यह वायरस संक्रमित जानवरों की लार से फैलता है। संक्रमित जानवर दूसरे जानवर या किसी व्यक्ति को काटकर वायरस फैला सकते हैं। जानकारी के अनुसार रेबीज के पहले लक्षण फ्लू के समान ही हो सकते हैं और कई दिनों तक रह सकते हैं। इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, जी मिचलाना, उल्टी, घबराहट, चिंता, भ्रम, सक्रियता, निगलने में कठिनाई, अत्यधिक लार आना, पानी निगलने में कठिनाई, चेहरे पर एक अजीब डर, अनिद्रा और पक्षाघात शामिल हैं।
यदि आपको किसी जानवर ने काट लिया है या किसी ऐसे जानवर के संपर्क में है, जिसे रेबीज (rabies) होने का संदेह है, तो तत्काल अपने डॉक्टर से संपर्क करें। आपकी स्थिति के आधार पर डॉक्टर यह तय कर सकते हैं कि आपको रेबीज से बचाव के लिए उपचार प्राप्त करना चाहिए या नहीं।
Tag: #nextindiatimes #rabies #straydogs