नई दिल्ली। कोरोना (Corona) वैक्सीन कोविशील्ड (Covishield) लगवाने वालों के लिए एक परेशान करने वाली खबर है। ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) ने पहली बार स्वीकार किया है कि कुल मामलों में उसकी कोविड-19 वैक्सीन (Covishield) से गंभीर साइड इफेक्ट हो सकते हैं। बता दें भारत में भी बड़े पैमाने पर ये वैक्सीन लगाई गई है।
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दरअसल ब्रिटिश हाईकोर्ट में दिए गए अपने अदालती दस्तावेजों में एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) ने पहली बार माना है कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन से थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) जैसे दुर्लभ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को कई देशों में कोविशील्ड (Covishield) और वैक्सजेवरिया ब्रांड नामों के तहत बेचा गया था। दो बच्चों के पिता जेमी स्कॉट ने पिछले साल कंपनी के खिलाफ मुकदमा दायर किया था।

(Covishield) वैक्सीन लेने के बाद उनके ब्रेन में खून के थक्के जम गए थे, जिससे वह काम करने में असमर्थ हो गए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ब्रिटेन की हाई कोर्ट (British High Court) में ऐसे 51 मामले दर्ज हैं, जिनमें पीडि़तों और तीमारदारों ने 10 करोड़ पाउंड तक के क्षतिपूर्ति मुआवजे की मांग की है।
मेडिकल एक्सपर्ट डॉ. राजीव जयदेवन ने कहा कि TTS रक्त वाहिकाओं में थक्का बना सकता है। लेकिन कुछ टीकों के इस्तेमाल के बाद इसका होना बेहद दुर्लभ होता है। जयदेवन केरल में नेशनल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) कोविड टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष हैं। उन्होंने यह स्वीकार किया कि कोविड वैक्सीन (Covishield) ने कई मौतों को रोकने में मदद की है।
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