बेंगलुरु। कर्नाटक (Karnataka) सरकार के लिए मुडा जमीन घोटाला अब गले की फांस बनता जा रहा है। इस स्कैम के केंद्र में खुद सीएम सिद्धारमैया (CM Siddaramaiah) हैं। राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने उनके खिलाफ जांच के आदेश दे दिए हैं। यही नहीं सिद्धारमैया (CM Siddaramaiah) के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 के सेक्शन 17ए और BNSS की धारा 218 के तहत केस चलेगा। इस मामले पर कांग्रेस (Congress) एक्शन मोड में दिख रही है।
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कर्नाटक (Karnataka) के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (CM Siddaramaiah) ने राज्यपाल थावरचंद गहलोत पर हमला बोलते हुए उन्हें केंद्र सरकार (central government) की कठपुतली बताया। उधर विपक्षी पार्टी बीजेपी मुख्यमंत्री से इस्तीफा देने की मांग कर रही है। इस बीच मुख्यमंत्री पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप के बाद कांग्रेस (Congress) ने घोषणा करते हुए कहा है कि वह मामले के खिलाफ 19 अगस्त को राज्यव्यापी विरोध-प्रदर्शन करेगी।
राज्यपाल के फैसले के बाद से ही बीजेपी और कांग्रेस (Congress) के बीच सियासी जंग छिड़ गई है। आरोप है कि सीएम सिद्धारमैया (CM Siddaramaiah) ने अपनी पत्नी पार्वती को मैसूर के पॉश इलाकों में फर्जी दस्तावेज बनाकर जमीन दिलाकर अपने पद का दुरुपयोग किया है। वहीं मुख्यमंत्री ने इन सभी आरोपों का खंडन किया है और कानूनी रूप से लड़ने की बात कही है।
सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर कर्नाटक (Karnataka) के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार कहा कि हमारे पार्टी के नेता और कार्यकर्ता तालुक और जिला स्तर तक एक किलोमीटर लंबा मार्च निकालेंगे। उन्होंने कांग्रेस (Congress) कार्यकर्ताओं से राज्यपाल के कदम के खिलाफ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) को ज्ञापन सौंपने का आह्वान किया। कर्नाटक (Karnataka) कांग्रेस (Congress) के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से बड़ी संख्या में विरोध-प्रदर्शन में भाग लेने को कहा।
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