उत्तराखंड। यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन के चलते 17 दिनों तक 41 मजदूर फंसे रहे। उनके सफल रेस्क्यू के बाद अब सुरंग के निर्माण को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुयी है। नवयुग कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल सुरंग के निर्माण का काम रोका गया है। जब शुरू होगा तो सबसे पहले शाट क्रीटिंग के साथ कैविटी भरी जाएगी। इसमें लंबा समय लग सकता है।
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नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर राजेश पंवार ने कहा कि फिलहाल श्रमिकों को विश्राम दिया गया है। अभी कंपनी के सामने मुख्य चुनौती रेस्क्यू के लिए लाई गई मशीनों को लौटाने की है। इन्हें ट्रालों में लोड करने के लिए श्रमिकों की मदद ली जाएगा। इसके अलावा बचाव अभियान के दौरान जो दो वर्टिकल ड्रिलिंग की गई, उनकी फिलिंग का कार्य भी करवाया जाएगा। बचाव अभियान संपन्न होने के बाद सिलक्यारा सुरंग में अब निर्माण कार्य दोबारा कब शुरू होगा, इसे लेकर संशय की स्थिति बनी है।
फिलहाल नवयुगा इंजीनियरिंग कंपनी की लापरवाही धीरे-धीरे सामने आ रही है। कंपनी ने सौंद मंजगांव जाने वाली रोड पर डंपिंग जोन का निर्माण किया है। यह डंपिंग जोन पहले से भूस्खलन जोन रहे क्षेत्र में बनाए गए हैं। यहां पर पक्की दीवार भी नहीं लगाई गई जिसके चलते मलबे का दबाव बढ़ने से पत्थर नीचे गिर रहे हैं। इन पत्थरों से कई हरे पेड़ भी गिर रहे हैं।
सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों के लिए अंदर फूड स्टॉक किया गया था, ताकि आपात स्थिति में उन्हें भूखा न रहना पड़े। फूड स्टॉक के लिए 50 किलो संतरा, 80 किलो सेब, ड्राई फूड, रस, बिस्कुट व सत्तू के लड्डू भेजे गए थे। श्रमिकों के अनुसार सारा फूड स्टॉक सुरंग में ही है।
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