डेस्क। चंद्रयान 3 ने आज एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। एक अनोखे प्रयोग में इसरो ने चंद्रमा की कक्षा में घूम रहे चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल (पीएम) को वापस पृथ्वी की कक्षा में वापस ला दिया है। इसरो के अनुसार, 10 नवंबर को प्रोपल्शन मॉड्यूल ने चंद्रमा से पृथ्वी तक अपनी यात्रा शुरू की।
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इसरो ने मंगलवार को एक्स पर खुशी साझा करते हुए कहा कि एक और अनूठे प्रयोग में चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल (पीएम) को चंद्र कक्षा से पृथ्वी की कक्षा में लाया गया है। 22 नवंबर को अंतरिक्ष यान पृथ्वी के सबसे निकटतम बिंदु (पेरीजी) से होकर गुजरा। यह प्रयोग चंद्रमा से नमूने वापस लाने के मिशन (सैंपल रिटर्न मिशन) को ध्यान में रखते हुए किया गया है। प्रोपल्शन मॉड्यूल जिसे पहली बार चंद्रमा के 150 किमी के भीतर लॉन्च किया गया था। यह पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगा रहा था और अब पृथ्वी की कक्षा में है।
इसरो के मुताबिक, इस प्रोपल्शन मॉड्यूल को चंद्रमा की कक्षा में केवल तीन महीने तक रहना था। लेकिन, इसरो ने प्रोपल्शन मॉड्यूल को पृथ्वी की कक्षा में वापस लाने के लिए ईंधन का उपयोग करने का निर्णय लिया ताकि नमूना वापसी मिशन के लिए महत्वपूर्ण जानकारी एकत्र की जा सके।
चंद्रयान-3 मिशन को 14 जुलाई 2023 को श्री हरिकोटा से लॉन्च किया गया था। चंद्रयान-3 मिशन का उद्देश्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र के पास सॉफ्ट लैंडिंग करना और विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के माध्यम से चंद्रमा की सतह पर मौजूद खनिजों का पता लगाना था। 23 अगस्त को चंद्रयान 3 ने चंद्रमा की सतह पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग की। इसके बाद विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने 10 दिनों तक जानकारी जुटाई। इसके बाद इसे स्लीप मोड पर डाल दिया गया।
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