लाइफस्टाइल डेस्क। लड़कियां हों या महिलाएं वो थ्रेडिंग, वैक्सिंग से लेकर क्लीनजिंग, फेशियल, ब्लीच, पेडिक्योर-मैनिक्योर और न जाने क्या-क्या करवाती हैं। इससे पूरी शरीर की सफाई भी होती है और त्वचा भी निखर जाती है। इन सबमें थ्रेडिंग (threading) ही है जो सबसे ज्यादा कराई जाती है।
यह भी पढ़ें-सेहत की पावरहाउस है इलायची, खाने के बाद चबा लें; पाचन होगा जबरदस्त
आमतौर पर तो थ्रेडिंग (threading) लिवर को नुकसान नहीं पहुंचाती है। लेकिन अगर पार्लर में एक ही थ्रेड कई कस्टमर्स पर इस्तेमाल किया जाए या बेसिक हाइजीन जैसे टूल्स को सैनिटाइज करना और हाथ धोना जैसी चीजों को इग्नोर किया जाए ताे ये हमारे लिवर पर बुरा असर डाल सकती है।
एक ऐसा मामला सामने आया है जब महिला को आईब्रो थ्रेडिंग (threading) के बाद लिवर फेलियर हुआ। इस पर डॉ. अदिति धामिजा (एमबीबीएस) ने हाल ही में एक वायरल इंस्टाग्राम रील में इसी बात की चेतावनी दी। उन्होंने बताया कि एक 28 साल की महिला लोकल पार्लर में आइब्रो थ्रेडिंग के लिए गई थी और कुछ दिनों बाद उसे लिवर फेलियर का सामना करना पड़ा। इसका कारण वायरल हेपेटाइटिस था, जो शायद इस्तेमाल किए हुए धागे से फैला हो।

दरअसल थ्रेडिंग (threading) के दौरान त्वचा पर बहुत छोटे-छोटे कट या स्क्रैच हो सकते हैं, जो हेपेटाइटिस B या C जैसे ब्लड-बॉर्न वायरस को शरीर में प्रवेश करने का मौका देते हैं। आपकाे बता दें कि ये वायरस अक्सर तुरंत लक्षण नहीं दिखाते, बल्कि चुपचाप लिवर को सालों तक नुकसान पहुंचा सकते हैं। अगर इलाज ना हो, तो ये बीमारी गंभीर रूप ले सकती है। हेपेटाइटिस वायरस शरीर के बाहर भी काफी समय तक जिंदा रह सकता है।
Tag: #nextindiatimes #Lifestyle #threading