नई दिल्ली। देश में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) के माध्यम से ऑनलाइन पेमेंट की संख्या में तेजी देखने को मिली है। वर्ष 2016 में यूपीआई (UPI) लॉन्च हुआ है। यूपीआई (UPI) के आने के बाद में ऑनलाइन पेमेंट (online payments) की संख्या में तेजी देखने को मिली है।
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यूपीआई (UPI) का विस्तार करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कई घोषणा की है। आज से यानी 1 जनवरी 2024 से यूपीआई में कई बदलाव किये गए हैं। इन बदलावों की सूचना आरबीआई ने पिछले महीने में दिसंबर में दे दी थी। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने Google Pay, Paytm, PhonePe आदि जैसे पेमेंट ऐप्स और उन अकाउंट को निष्क्रिय करने के लिए कहा जो अकाउंट (accounts) या आईडी एक साल से अधिक समय से इस्तेमाल नहीं हो रही है। इसका मतलब है कि अगर आप भी एक साल या उससे ज्यादा समय से यूपीआई ऐप्स का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं तो आपका अकाउंट भी निष्क्रिय हो सकता है।
एनपीसी के अनुसार अब यूपीआई (UPI) के जरिये दैनिक भुगतान की सीमा बढ़ा दी गई है। अब एक दिन में धारक 1 लाख रुपये तक का भुगतान कर सकते हैं। इसके अलावा 8 दिसंबर 2023 में आरबीआई ने अस्पतालों और शैक्षणिक संस्थानों के लिए यूपीआई (UPI) पेमेंट की सीमा को बढ़ा दिया है, अब इसकी भुगतान सीमा 5 लाख रुपये है।
अब यूपीआई (UPI) पेमेंट करते समय अगर कोई धारक प्रीपेड भुगतान उपकरणों (PPI) का इस्तेमाल करता है तो उन्हें 2,000 रुपये से ज्यादा भुगतान पर 1.1 फीसदी का इंटरचेंज शुल्क देना होगा। इसके अलावा यूपीआई (UPI) के जरिये हो रहे धोखाधड़ी को रोकने के लिए अब कोई धारक किसी नए यूजर को 2,000 रुपये से ज्यादा का भुगतान करते हैं तो उनके पास 4 घंटे की समय-सीमा होगी। ऐसे में वह 4 घंटे के बीतर आसानी से उसकी शिकायत कर सकते हैं।
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