प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के माफिया अतीक अहमद के फाइनेंसर मोहम्मद नफीस उर्फ नफीस बिरयानी (Nafees Biryani) की मौत हो गई है। प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल (Naini Central Jail) में बंद नफीस बिरयानी (Nafees Biryani) को हार्ट अटैक आया था। इसके बाद उसे नैनी सेंट्रल जेल से मेडिकल कॉलेज के कार्डियोलॉजी विभाग के आईसीयू में भर्ती कराया गया।
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नफीस (Nafees Biryani) पर उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal murder case) में आरोप लगा था। उसके इस घटना में संलिप्तता के बाद से पुलिस की निगाह थी। नफीस उमेश पाल मर्डर के बाद से फरार चल रहा था। 22 नवंबर की देर शाम पुलिस की नवाबगंज थाना क्षेत्र के आनापुर इलाके में एक एनकाउंटर (encounter) हुआ था। नफीस बिरयानी (Nafees Biryani) पुलिस के ट्रैप में आया। 22 नवंबर को एनकाउंटर के बाद उसे गिरफ्तार किया गया था। मुठभेड़ में माफिया अतीक के फाइनेंसर और 50 हजार के इनामी नफीस बिरयानी गिरफ्तार किया गया।
एनकाउंटर में नफीस बिरयानी (Nafees Biryani) के पैर में गोली लगी थी। इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। 9 दिसंबर को उसे अस्पताल से जेल में शिफ्ट किया गया था। नफीस बिरयानी के खिलाफ चार मुकदमे दर्ज हैं। नफीस के खिलाफ कोरोना के दौरान महामारी अधिनियम के तहत दो मुकदमें सिविल लाइन थाने में दर्ज हैं। उसके खिलाफ एक केस जानलेवा हमले और एससी-एसटी एक्ट (SC-ST Act) तहत सिविल लाइन थाने में ही दर्ज है। चौथा केस उमेश पाल हत्याकांड में साजिश रचने के मामले में धूमनगंज थाने में दर्ज है।
नफीस बिरयानी पर उमेश पाल कांड में साजिश में शामिल होने के आरोप में धूमनगंज थाने में एफआईआर दर्ज है। फरार नफीस बिरयानी पर पुलिस कमिश्नर प्रयागराज रमित शर्मा ने 18 नवंबर 2023 को 50 हजार का इनाम भी घोषित किया था। अगस्त माह में उसकी लोकेशन दिल्ली के एक फाइव स्टार होटल में मिली थी.। वहां वह अपनी प्रेमिका से मिलने गया था, लेकिन पुलिस की पकड़ में नहीं आ पाया। उमेश पाल केस के पहले नफीस ने कार को अपने करीबी रुखसार के नाम पर ट्रांसफर कर दिया था। पुलिस रुखसार की भी तलाश में भी जुटी है।
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