बालेश्वर। मिसाइल (missiles) के क्षेत्र में आज भारत पूरी दुनिया में मानो एक नया सूर्योदय बनकर उभरने लगा है। कई देश भारत से मिसाइल खरीदने के लिए व्याकुल हैं तो कुछ देश मिसाइल की टेक्नोलॉजी (technology) खरीदने की कोशिश कर रहे हैं। इसी कड़ी के तहत DRDO ने चांदीपुर नामक स्थान के आईटीआर परीक्षण केंद्र से लगातार एक ही मिसाइल का तीन-तीन बार परीक्षण किया है।
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रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने 1 फरवरी को ओडिशा तट से दूर चांदीपुर में बहुत कम दूरी वाली वायु रक्षा प्रणाली के क्रमिक उड़ान का सफल परीक्षण किया है। चांदीपुर से वायु रक्षा प्रणाली (VSHORADS) की लगातार तीन उड़ान परीक्षण संपूर्ण सफल रहे तथा वह अपने निशाने को ध्वस्त करने में पूरी तरह से कामयाब रहे हैं।
DRDO का यह परीक्षण बहुत कम ऊंचाई पर उड़ने वाले उच्च गति वाले लक्ष्यों के खिलाफ किए गए थे। तीन उड़ान परीक्षणों के दौरान मिसाइलों ने अलग-अलग उड़ान स्थितियों में कम उड़ान वाले ड्रोन की नकल करते हुए कम थर्मल सिग्नेचर वाले लक्ष्यों को रोका और पूरी तरह से नष्ट कर दिया।
उड़ान परीक्षण अंतिम तैनाती विन्यास में किए गए, यहां दो फील्ड ऑपरेटर ने हथियार की तैयारी लक्ष्य प्राप्ति और मिसाइल फायरिंग की। आज यदि यह कहा जाए की मिसाइल के क्षेत्र में भारत विश्व के बाजार में अपने आप का लोहा साबित करने में लगा है तो शायद कम नहीं होगा। इस परीक्षण को देखते हुए भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे एक DRDO की अति महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया है।
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