नई दिल्ली। इसरो के आदित्य एल-1 मिशन को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। इसरो ने ट्वीट करते हुए बताया कि आदित्य एल-1 (ADITYA-L1) के सोलर विंड आयन स्पेक्ट्रोमीटर (SWIS), आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (ASPEX) पेलोड का दूसरा उपकरण चालू है।
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SWIS एक लो एनर्जी स्पेक्ट्रोमीटर है, जिसकी मदद से सूर्य की हवा में मौजूद प्रोटॉन और अल्फा पार्टिकल्स को मापा जाएगा। बता दें कि आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (ASPEX) में दो सब पेलोड्स हैं। पहला SWIS यानी सोलर विंड आयन स्पेक्ट्रोमीटर जो कम ऊर्जा वाला स्पेक्ट्रोमीटर है, जो अब चालू हुआ है। वहीं इसका दूसरा सब पेलोड्स सुपरथर्म एंड एनर्जेटिक पार्टिकल स्पेक्ट्रोमीटर(STEPS) है। ये सौर हवाओं में आने वाले ज्यादा ऊर्जा वाले आयंस की स्टडी करेगा।
आदित्य एल-1 मिशन को भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो ने इसी साल 2 सितंबर को लॉन्च किया था। आदित्य एल-1 सूर्य पर लैंड नहीं करेगा। ये धरती से 15 लाख किलोमीटर दूर स्थित L1 यानी लैग्रेंज पॉइंट 1 पर जाएगा। इस पॉइंट से सूर्य की दूरी 14.85 किमी दूर है। इसी पॉइंट से (ADITYA-L1) सूर्य की स्टडी करेगा। इसरो का ये मिशन करीब 4 महीने में पूरा हो पाएगा।
आपको बता दें भारत की अन्य चल रही अंतरिक्ष परियोजनाओं में एक मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम शामिल है। जिसका लक्ष्य संभवतः 2025 तक पहली बार अंतरिक्ष यात्रियों को धरती की कक्षा में लॉन्च करना है। इससे पहले 25 नवंबर को इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा था कि आदित्य एल1 अपने अंतिम चरण के करीब है और एल1 बिंदु में प्रवेश करने की प्रक्रिया सात जनवरी, 2024 तक पूरी होने की उम्मीद है। इसरो प्रमुख ने पहले ध्वनि रॉकेट प्रक्षेपण के 60वें वर्ष के उपलक्ष्य में विक्रम साराबाई अंतरिक्ष केंद्र में आयोजित एक कार्यक्रम के मौके पर कहा था कि ‘आदित्य (ADITYA-L1)रास्ते में है। मुझे लगता है कि यह अपने अंतिम चरण में लगभग पहुंच गया है।’
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