डेस्क। आज भारत ने अंतरिक्ष में एक और इतिहास रच दिया है। चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की सफलता के बाद आज भारत का पहला सोलर मिशन ‘आदित्य L1’ (Aditya-L1) शाम 4 बजे के करीब अपने लक्ष्य पर पहुंच गया है। भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो ने इसे कमांड देकर L1 पॉइंट की हेलो ऑर्बिट (halo orbit) पर पहुंचा दिया है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने इस बड़ी कामयाबी के लिए देश को बधाई दी है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘भारत ने एक और उपलब्धि हासिल की। भारत की पहली सौर वेधशाला आदित्य-एल1 (Aditya-L1) अपने गंतव्य तक पहुंची। यह सबसे जटिल और पेचीदा अंतरिक्ष अभियानों को साकार करने में हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है। हम मानवता के लाभ के लिए विज्ञान की नई सीमाओं को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे।’
आपको बता दें 2 सितंबर को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से सूर्य की ओर आदित्य L1 को भेजा गया था। आदित्य L1 (Aditya-L1) ने 15 लाख किलोमीटर की यात्रा पूरी करके अपने लक्ष्य को हासिल किया है। इस उपलब्धि पर केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत के लिए यह साल काफी शानदार रहा है। पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में इसरो (ISRO) ने एक और सफलता की कहानी लिखी है। आदित्य एल1 (Aditya-L1) सूर्य से जुड़ो रहस्यों की खोज के लिए अपनी अंतिम कक्षा में पहुंच गया है।
L1 यानी लैगरेंज पॉइंट-1 उन पांच पोजिशन में से एक है, जहां सूर्य और पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्तियां एक-दूसरे को संतुलित रखती हैं। इन पांचों स्थितियों में L1 सबसे स्थिर जगह है। आदित्य (Aditya-L1) इस L1 पॉइंट पर पहुंच चुका है। अब बस इसे (Aditya-L1) हेलो ऑर्बिट में पहुंचाना है, जो LI की ऐसी कक्षा है, जहां सैटलाइट और स्पेसक्राफ्ट स्थिर रहते हुए काम कर सकते हैं। अभी तक इसरो (ISRO) धरती पर लगे टेलिस्कोप से सूर्य की स्टडी करता था, लेकिन इससे सूर्य के वातावरण का गहराई से पता नहीं चलता था। इसकी बाहरी परत कोरोना इतनी गर्म क्यों है और इसका तापमान कितना है, इसका पता नहीं है। लेकिन आदित्य के साथ गए उपकरण इस पर रोशनी डालेंगे।
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