कर्नाटक। कर्नाटक (Karnataka) के रायचूर जिले के एक गांव में कृष्णा नदी (Krishna River) से हाल ही में भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की एक प्राचीन मूर्ति मिली है, जिसमें सभी दशावतार को दिखाया गया है। भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की ये प्रतिमा करीब हजार साल पुरानी बताई जा रही है। खास बात ये है कि ये प्रतिमा बिल्कुल रामलला की नवनिर्मित प्रतिमा से मिलती-जुलती है।
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बता दें कि अयोध्या (Ayodhya) में 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला (Ramlala) की प्रतिमा स्थापित की गई है। पुरातत्ववेत्ताओं के अनुसार ये प्रतिमा 11वीं या 12वीं शताब्दी की हो सकती है। भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के इस विग्रह के साथ ही एक प्राचीन शिवलिंग भी मिला है। भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के इस विग्रह का रूप-रंग और स्वरूप अयोध्या में रामलला (Ramlala) के भव्य-दिव्य मंदिर में स्थापित विग्रह से मिलता-जुलता है।
भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की इस प्रतिमा के प्रभामंडल के चारों ओर ‘दशावतारों’ को उकेरा गया है। प्रतिमा (statue) पर मत्स्य, कूर्म, वराह, नरसिम्हा, वामन, राम, परशुराम, कृष्ण, बुद्ध और कल्की अलंकृत हैं। विष्णु जी (Lord Vishnu) की प्रतिमा के चार हाथ हैं, जिसमें दो ऊपर उठे हाथ शंख और चक्र से सुसज्जित हैं। नीचे की ओर सीधे किए दो हाथ आशीर्वाद की मुद्रा में हैं। इनमें एक ‘कटि हस्त’ और दूसरा ‘वरद हस्त’ है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रतिमा एक मंदिर के गर्भगृह का हिस्सा रही होगी। हो सकता है कि इसे मंदिर (temple) में हुई तोड़फोड़ से बचाने के लिए नदी में डाला गया होगा। इस प्रतिमा (statue) को थोड़ी क्षति पहुंची है। विग्रह की नाक थोड़ी क्षतिग्रस्त है। प्रसिद्ध पुरातत्वविद ने कहा, यह मूर्ति वेंकटेश्वर से मिलती जुलती है, जैसा कि शास्त्रों में बताया गया है। हालांकि इस मूर्ति में गरुड़ नहीं है, जो आमतौर पर विष्णु (Lord Vishnu) की मूर्तियों में पाया जाता है।
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