नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो (Bilkis Bano) मामले में दोषियों को एक बड़ा झटका दिया है। दोषियों द्वारा जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण (surrender) करने के लिए समय बढ़ाने की मांग वाली याचिका को आज शीर्ष कोर्ट (Supreme Court) ने खारिज कर दिया है। कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि दोषियों को 21 जनवरी को खत्म हो रहे समय तक सरेंडर करना होगा।
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बिलकिस बानो (Bilkis Bano) मामला में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि आत्मसमर्पण (surrender) के लिए समय बढ़ाने के लिए 11 दोषियों द्वारा बताए गए कारणों में कोई दम नहीं है। कोर्ट ने कहा कि आत्मसमर्पण (surrender) को स्थगित करने और जेल में वापस रिपोर्ट करने के लिए याचिकाकर्ताओं द्वारा दिए गए कारणों में कोई योग्यता नहीं है, क्योंकि वे कारण किसी भी तरह से उन्हें हमारे निर्देशों को मानने से नहीं रोकते हैं।
बता दें कि गुजरात सरकार (Gujarat government) ने इन सभी दोषियों को माफी के तौर पर रिहाई से पहले ही जेल से रिहा कर दिया था। सरकार के इस फैसले पर विपक्ष समेत कई लोगों ने सवाल भी उठाए थे। इसके बाद सरकार के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दायर याचिका पर 8 जनवरी को सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने दोषियों को दो हफ्ते में जेल में सरेंडर करने का आदेश दिया था।
शीर्ष अदालत ने 8 जनवरी को मामले में 11 दोषियों को सजा में छूट देने के गुजरात सरकार के फैसले को यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि आदेश ‘रूढ़िवादी’ थे और बिना दिमाग लगाए पारित किए गए थे। कोर्ट (Supreme Court) ने दोषियों को 21 जनवरी तक जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण (surrender) करने को कहा था।
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