इंदौर। मध्य प्रदेश का इंदौर (Indore) लगातार छह बार से देश का सबसे स्वच्छ शहर (cleanest city) रहा है। पहली बार सूरत को भी संयुक्त तौर पर सबसे स्वच्छ शहर (cleanest city) बन गया। गुरुवार को दिल्ली के भारत मंडपम में समारोह में राष्ट्रपति (President) द्रौपदी मुर्मु के हाथों मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने cleanliness survey का पुरस्कार लिया।
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इस दौरान नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव और निगमायुक्त हर्षिका सिंह भी मौजूद थे। तीसरे स्थान पर नवी मुंबई को मिला। राज्यों के स्वच्छता रैंकिंग (cleanliness ranking) में मध्य प्रदेश को दूसरे सबसे स्वच्छ राज्य का दर्जा मिला है। महाराष्ट्र इस मामले में पहले नंबर पर आया है। प्रदेश भर में आम लोगों से मिली प्रतिक्रिया (फीडबैक), स्वच्छता को लेकर प्रदेश भर में चलाई गई परियोजनाएं, बजट आवंटन आदि के आधार पर प्रदेशों की स्वच्छ रैकिंग (cleanest city) तय की जाती है।
स्वच्छ राज्यों में छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) तीसरे नंबर पर रहा। पिछले साल मप्र को देश का सबसे स्वच्छ राज्य चुना गया था, वहीं छत्तीसगढ़ दूसरे नंबर पर था। इस तरह दोनों राज्यों की रैंकिंग एक-एक पायदान गिरी है। भोपाल को देश की स्वच्छतम राज्य राजधानी का खिताब मिला है। भोपाल ने पिछले साल भी यह तमगा हासिल किया था।
देश के 10 लाख से अधिक आबादी वाले महानगरों की श्रेणी में भोपाल को देश का पांचवां सबसे स्वच्छ शहर (cleanest city) चुना गया। महापौर मालती राय के साथ नगर निगम कमिश्नर फ्रेंक नोबल ए ने राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कार ग्रहण किया। पिछले साल भोपाल देश के सबसे स्वच्छ शहरों (cleanest city) में छठवें नंबर पर रहा था। वहीं वर्ष 2017 और 2018 में लगातार दो साल देश में दूसरी रैंक हासिल की थी।
ओडिशा के सैंड आर्ट कलाकार सुदर्शन पटनायक (Sudarshan Patnaik) ने कार्यक्रम की शुरुआत भारत में स्वच्छता की शुरुआत को अपनी कला से दर्शाया। बालीवुड के ख्यात गायक कैलाश खेर (Kailash Kher) ने स्वच्छता एंथेम की प्रस्तुति दी। वर्ष 2017 से इंदौर स्वच्छ सर्वेक्षण में प्रथम आ रहा है। जनभागीदारी, नवाचारों और आपसी समन्वय वाले जज्बे ने ही हमें देश के दूसरे शहरों से आगे बनाए रखा है।
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