पटना। आज पटना में कांग्रेस कार्य समिति की महत्वपूर्ण बैठक शुरू हो गई है। राजधानी पटना के सदाकत आश्रम परिसर में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ बैठक (CWC meeting) की शुरुआत हुई। गगनभेदी नारों और कार्यकर्ताओं के उत्साहपूर्ण स्वागत के बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और बड़ी संख्या में केंद्रीय व राज्य स्तरीय नेता मौजूद रहे।
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साल 1940 में पहली बार इस आश्रम ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक की मेजबानी की थी, जिसने उस समय देश की आजादी की लड़ाई को नई दिशा दी थी। अब 85 साल बाद इतिहास अपने आप को दोहरा रहा है। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से ठीक पहले यहां एक बार फिर कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक चल रही है। यह सिर्फ एक राजनीतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि अतीत और वर्तमान के बीच एक अनोखा सेतु बनने जा रहा है।

महात्मा गांधी और कस्तूरबा गांधी ने इस आश्रम का शिलान्यास किया था। बाद में गांधीजी कई बार यहां ठहरे और चरखा कातते हुए स्वदेशी आंदोलन को मजबूती दी। यही नहीं यहां बैठकर गांधी, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, जवाहरलाल नेहरू और आचार्य कृपलानी जैसे नेताओं ने असहयोग, सत्याग्रह और भारत छोड़ो आंदोलन जैसी बड़ी योजनाओं का खाका तैयार किया था। इस प्रकार सदाकत आश्रम केवल एक इमारत नहीं, बल्कि स्वतंत्रता संघर्ष की आत्मा साबित हुआ।
आजादी के बाद भी यह आश्रम बिहार कांग्रेस का स्थायी मुख्यालय बना रहा है। डॉ. राजेंद्र प्रसाद का भी इस स्थान से गहरा जुड़ाव रहा। 1970 के दशक में जब जयप्रकाश नारायण का आंदोलन पूरे देश में गूंज रहा था, तब भी यह स्थल राजनीतिक गतिविधियों का अहम केंद्र बना। इसकी मिट्टी में आज भी स्वतंत्रता आंदोलन की गूंज महसूस की जा सकती है।
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