हेल्थ डेस्क। नवरात्र (Navratri) में 9 दिन की तपस्या न सिर्फ हमारी आस्था का प्रतीक है, बल्कि शरीर और मन को शुद्ध करने का भी एक तरीका है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि व्रत रखने के बाद भी आपका पेट फूलने लगे, एसिडिटी हो जाए या गैस से बुरा हाल हो जाए?
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दरअसल यह सब कुछ गलतियों की वजह से होता है जिन्हें हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। व्रत का मतलब यह नहीं है कि आप कुट्टू की पूरी, पकौड़े और आलू के चिप्स खाकर पेट भर लें। ये चीजें तेल में तलने के कारण भारी हो जाती हैं और इन्हें पचाना मुश्किल होता है। इससे पेट में गैस और एसिडिटी बन सकती है। कोशिश करें कि उबला, भुना हुआ या कम तेल वाला खाना खाएं, जैसे साबूदाने की खिचड़ी, दही के साथ आलू या फल।

व्रत के दौरान खाली पेट चाय या कॉफी पीना सबसे बड़ी गलती है। चाय और कॉफी में मौजूद कैफीन पेट में एसिड के प्रोडक्शन को बढ़ा देता है, जिससे एसिडिटी और सीने में जलन की समस्या हो सकती है। इसकी जगह आप नींबू पानी, छाछ, नारियल पानी या फलों का जूस पी सकते हैं, जो आपको हाइड्रेटेड भी रखेगा और पेट को शांत भी।
व्रत में लोग खाने-पीने पर तो ध्यान देते हैं, लेकिन पानी पीना भूल जाते हैं। शरीर में पानी की कमी से कब्ज और एसिडिटी हो सकती है। इसलिए दिनभर में पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। इसके अलावा, खीरा, तरबूज और ककड़ी जैसे पानी वाले फलों का सेवन भी कर सकते हैं। कुछ लोग सोचते हैं कि व्रत में फल खाना सबसे अच्छा है। यह सच है, लेकिन खट्टे फलों का सेवन सीमित मात्रा में ही करें।
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