हेल्थ डेस्क। गर्भावस्था हर महिला के जीवन का सबसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण दौर माना जाता है। आमतौर पर हल्के दर्द या बुखार में लोग बिना सोचे-समझे पैरासिटामोल (Paracetamol) खा लेते हैं क्योंकि यह सबसे सुरक्षित और साधारण दवा मानी जाती है, लेकिन हाल ही में सामने आए एक व्यापक शोध ने इस धारणा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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शोधकर्ताओं ने पाया कि गर्भावस्था के दौरान Paracetamol (जिसे एसिटामिनोफेन भी कहा जाता है) का सेवन करने वाली महिलाओं के बच्चों में ऑटिज्म (Autism Spectrum Disorder) और अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) जैसी तंत्रिका-विकास संबंधी समस्याओं का खतरा अधिक होता है। वैज्ञानिकों ने बताया कि यह दवा प्लेसेंटल बाधा (Placental Barrier) को पार कर सीधे गर्भ में पहुंच जाती है।
यह स्थिति शरीर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती है और भ्रूण के अंगों के सामान्य विकास को बाधित कर सकती है। पैरासिटामोल (Paracetamol) हार्मोन की प्राकृतिक गतिविधि को प्रभावित कर सकता है, जो शिशु के मस्तिष्क और प्रजनन प्रणाली के लिए आवश्यक है। यह ऐसे बदलाव हैं जो जीन की कार्यप्रणाली को बदल सकते हैं। इनका सीधा असर शिशु के मस्तिष्क के विकास और सीखने-समझने की क्षमता पर हो सकता है।

कुछ अध्ययनों ने संकेत दिए हैं कि गर्भावस्था में पैरासिटामोल (Paracetamol) का अत्यधिक सेवन बच्चों में प्रजनन और मूत्रजननांगी विकारों का खतरा भी बढ़ा सकता है। इसका मतलब है कि यह केवल मानसिक विकास ही नहीं, बल्कि शारीरिक विकास को भी प्रभावित कर सकता है। हालांकि गर्भवती महिला को बिना डॉक्टर की सलाह के दवा नहीं लेनी चाहिए। यह शोध केवल खतरे की ओर इशारा नहीं करता, बल्कि यह भी बताता है कि हमें गर्भावस्था के दौरान दवाओं के उपयोग पर और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।
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