हेल्थ डेस्क। विटामिन-डी (Vitamin-D) की कमी सेहत के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकती है। इसकी कमी होने पर बार-बार बीमार पड़ना, हड्डियों में दर्द, डिप्रेशन और मूड स्विंग्स जैसे कई लक्षण नजर आते हैं। इसलिए इसकी कमी से बचना जरूरी है। हालांकि ज्यादा विटामिन-डी सप्लीमेंट्स लेना टॉक्सिसिटी का कारण बन सकता है।
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शरीर में विटामिन-डी (Vitamin-D) की मात्रा ज्यादा होने की वजह से लिवर और किडनी डैमेज हो सकते हैं। इसलिए विटामिन-डी टॉक्सिसिटी से सावधान रहना जरूरी है। विटामिन-डी टॉक्सिसिटी का साफ मतलब है कि शरीर में इस विटामिन की मात्रा जरूरत से ज्यादा हो गई है। यह समस्या बहुत कम मामलों में देखने को मिलती है और खुद से विटामिन-डी सप्लीमेंट्स लेने या प्रिस्क्राइब की गई डोज से ज्यादा मात्रा में दवा लेने की वजह से हो सकता है।

यह खतरनाक इसलिए होता है, क्योंकि शरीर में विटामिन-डी (Vitamin-D) बढ़ने की वजह से ब्लड में कैल्शियम जमा होने लगता है, जिसके कारण गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। विटामिन-डी टॉक्सिसिटी के लक्षण धीरे-धीरे दिखाई देते हैं, लेकिन इन्हें पहचानना जरूरी है वरना ये लिवर या किडनी फेल्यिर की वजह बन सकते हैं।
हाइपरकैल्सीमिया के कारण हड्डियों में दर्द हो सकता है। विटामिन-डी (Vitamin-D) सप्लीमेंट्स लेने से पहले ब्लड टेस्ट कराएं और बिना डॉक्टर से पूछे दवा ने लें। एक वयस्क के लिए हर दिन 600 IU विटामिन-डी काफी होता है। अगर टॉक्सिसिटी के लक्षण दिखें, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
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