लाइफस्टाइल डेस्क। मां बनने का सपना हर महिला का होता है। एक महिला 9 महीने तक अपने पेट में बच्चे को रखती है। जब बच्चे (babies) का जन्म होता है तो उसकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं होता है। जब भी कोई बच्चा पैदा होता है और पहली बार रोता है, तो ये पल हर मां के लिए बहुत खास होता है। क्या आप जानते हैं कि बच्चा रोता क्यों है?
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डॉक्टर कहते हैं कि जन्म के कुछ ही सेकंड यानी कि 8 सेकंड बाद बच्चा (babies) पहली बार सांस (how do babies breathe after birth) लेता है। ये प्रक्रिया उसके फेफड़ों में हवा भरने के लिए बहुत जरूरी होती है। बच्चे का रोना इस बात का संकेत होता है कि उसके फेफड़े काम करने लगे हैं। अगर बच्चा नहीं रोता है तो डॉक्टर तुरंत उसकी जांच करते हैं।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक़ गर्भ में बच्चा अपने फेफड़ों का इस्तेमाल नहीं करता है। उसे जो भी ऑक्सीजन चाहिए होती है, वो पूरी तरह प्लेसेंटा के जरिए ही मिलती है। मां के खून में जो ऑक्सीजन होती है, वो Placenta और गर्भनाल के जरिए ही बच्चे तक पहुंचती है। गर्भनाल यानी कि umbilical cord एक जरूरी कड़ी की तरह काम करती है। ये न सिर्फ ऑक्सीजन, बल्कि खाना और बीमारी से बचाने वाले एंटीबॉडी भी बच्चे को देती है।
अगर किसी वजह से umbilical cord में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाए तो इसे फिटल हाइपॉक्सिया कहते हैं। इससे बच्चे के दिमाग, दिल और शरीर के दूसरे हिस्सों पर बुरा असर पड़ सकता है। ऑक्सीजन की कमी से बच्चे का विकास रुक सकता है। डिलीवरी के समय परेशानी हो सकती है।
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