हेल्थ डेस्क। आजकल डायबिटीज (Diabetes) एक आम समस्या बन गई है। लेकिन इसकी गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसका कोई इलाज नहीं है। भारत तो डायबिटीज का कैपिटल बन चुका है। क्या बच्चे, क्या बूढ़े और क्या जवान; हर कोई इसकी चपेट में आ ही जा रहा है।
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खाली पेट ब्लड शुगर (blood sugar), जिसे हम फास्टिंग शुगर भी कहते हैं। यह टेस्ट सोकर उठने के बाद यानी कम से कम खाने के 8 घंटे बाद करना होता है। डायबिटीज प्रमुख तौर पर दो तरह की होती है, जिनमें टाइप 1 डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज शामिल हैं। टाइप 1 डायबिटीज (Diabetes) के मरीजों के शरीर में इंसुलिन बनना बंद हो जाता है या बेहद कम मात्रा में बनता है। इसकी वजह से शुगर लेवल हाई हो जाता है।

फास्टिंग ब्लड शुगर (blood sugar) लेवल 60mg/dL से 100 mg/dL के बीच हो, तो इसे नॉर्मल माना जाता है। खाने के 2 घंटे बाद ब्लड शुगर लेवल 120 से 140 mg/dL के बीच होना चाहिए। अगर आपका ब्लड शुगर (blood sugar) इन मानकों के अंदर है, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है।
जब फास्टिंग शुगर 125 mg/dL से ज्यादा हो जाए और पोस्ट मील शुगर 160 mg/dL या इससे ज्यादा हो जाए, तब यह डायबिटीज की बीमारी बन जाती है। डायबिटीज कंफर्म करने के लिए HbA1C टेस्ट कराया जाता है। अगर इस टेस्ट का रिजल्ट 6.5 या इससे ऊपर आए, तो डायबिटीज (Diabetes) कंफर्म हो जाती है। ऐसे मरीजों को शुगर कंट्रोल करने की दवा लेने की जरूरत होती होती है।
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