राजस्थान। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी (Brahma ji) को माना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार जगत के पालनहार भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की नाभि से ब्रह्मा जी की उत्पत्ति हुई थी। सनातन धर्म में ब्रह्मा जी की पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व है। भारत में ब्रह्मा जी का एकमात्र मंदिर है, जिसे ब्रह्मा मंदिर (Brahma Temple) के नाम से जाना जाता है।
यह भी पढ़ें-जगन्नाथ मंदिर की तीसरी सीढ़ी पर क्यों नहीं रखते पैर, बेहद रोचक है वजह
यह मंदिर राजस्थान जिले के पुष्कर झील (Pushkar Lake) के पास स्थित है। पौराणिक कथा के अनुसार ब्रह्मा जी (Brahma ji) ने इस जगह को यज्ञ करने के लिए चुना था। इस मंदिर में ब्रह्मा जी की चतुर्मुखी प्रतिमा विराजमान है। मंदिर की खास बात यह है कि मंदिर में सूर्य भगवान प्रतिमा है। इस प्रतिमा में सूर्य देव ने जूते पहने हुए हैं। हर साल पुष्कर में एक मेले का आयोजन किया जाता है।

कार्तिक पूर्णिमा के दिन मंदिर में बेहद खास रौनक देखने को मिलती है। यह मंदिर पुष्कर के धार्मिक स्थलों में शामिल है। मंदिर को बनाने के लिए संगमरमर के पत्थरों का प्रयोग किया गया है। पद्म पुराण के अनुसार, मंदिर की जगह पर ब्रह्मा जी (Brahma ji) कई वर्षों तक रहे थे। इसी दौरान उन्होंने सृष्टि की रचना की थी। इस वजह से ब्रह्मा जी को सृष्टि के रचयिता कहा जाता है। इसके अलावा ब्रह्मा जी को वेदों के भी देवता माना जाता है।
पद्म पुराण (Padma Purana) के अनुसार, एक वज्रनाश नाम का राक्षस था। उसने अधिक उत्पात मचा रखा था। ऐसे में ब्रह्मा जी ने उसका वध किया। वध के समय ब्रह्मा जी (Brahma ji) के हाथों से तेन जगहों पर 3 कमल गिर गए, जिससे उस जगह पर तीन झीलों का निर्माण हो गया। ऐसे में इस जगह का नाम पुष्कर पड़ गया।
Tag: #nextindiatimes #Brahmaji #temple