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Tuesday, May 6, 2025

रात में बढ़ जाते हैं अस्थमा के लक्षण, पढ़ें क्या है इसकी वजह

हेल्थ डेस्क। आज वर्ल्ड अस्थमा डे (World Asthma Day 2025) मनाया जा रहा है। वैसे तो अस्थमा के सामान्य लक्षण आप भी जानते ही होंगे लेकिन रात में यह बदतर हो जाते हैं। अस्थमा (Asthma) एक सांस की बीमारी है, जिसमें एयर पाइप (air pipe) में सूजन आ जाती है और सांस लेने में तकलीफ होती है। अस्थमा का कोई इलाज (treatment) नहीं है। यानी इसे पूरी तरीके से ठीक नहीं किया जा सकता।

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कई मरीजों को रात के समय (Asthma Gets Worse At Night) खांसी, घरघराहट, सीने में जकड़न और सांस फूलने जैसे लक्षण बढ़ जाते हैं। इसे नॉक्टर्नल अस्थमा (Nocturnal Asthma) कहा जाता है। लेकिन ऐसा क्यों होता है और इसे कैसे कंट्रोल (Tips to Control Asthma) किया जा सकता है?

जब हम लेटते हैं, तो फेफड़ों में बलगम जमा हो सकता है और सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। इसके अलावा, पेट का दबाव डायाफ्राम पर पड़ता है, जिससे सांस लेने में परेशानी हो सकती है। इसके अलावा हमारे गद्दे, तकिए और चादरों में धूल के कण (डस्ट माइट्स) छिपे होते हैं, जो रात में सांस के साथ अंदर जाकर अस्थमा को ट्रिगर कर सकते हैं।

रात को तापमान गिरने से हवा ठंडी और सूखी हो जाती है, जो एयर वे को परेशान कर सकती है। खासकर एलर्जिक अस्थमा वाले मरीजों को इससे ज्यादा दिक्कत होती है। हमारे शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन होता है, जो सूजन को कम करने में मदद करता है। रात के समय इस हार्मोन का लेवल कम हो जाता है, जिससे एयर वे में सूजन बढ़ सकती है और अस्थमा के लक्षण तेज हो जाते हैं। कुछ लोगों को रात में पेट का एसिड गले तक आ जाता है, जो एयर वे को परेशान करके अस्थमा के लक्षण बढ़ा सकता है।

Tag: #nextindiatimes #health #WorldAsthmaDay2025

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