प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के कुख्यात माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को कौन नहीं जानता लेकिन क्या आप ये बात जानते हैं कि मुख्तार ने सबसे पहला अपराध (crime) कब और कौनसा किया था? फिलहाल मुख्तार की मौत हो चुकी है और उसके साथ ही अपराध के एक युग और राजनीति के साथ उसके गठजोड़ के एक अध्याय का अंत हो गया है। बीते कई दशकों से मुख्तार के ऊपर हत्या (murder) से लेकर जबरन वसूली समेत कई अन्य आपराधिक मामले दर्ज थे।
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मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) का जन्म साल 1963 में एक प्रभावशाली परिवार में हुआ था। सरकारी ठेका माफियाओं में खुद को शामिल करने के लिए उसने अपराध की दुनिया में प्रवेश किया। साल 1978 की शुरुआत में महज 15 साल की उम्र में अंसारी ने अपराध (crime) की दुनिया में कदम रखा। तब गाजीपुर के सैदपुर थाने में उसके खिलाफ धारा 506 के तहत पहला मामला दर्ज किया गया था। साल 1986 आते-आते उस पर धारा 302 (हत्या) के तहत एक और मामला दर्ज हो चुका था।

इसके बाद उसने अपराध की दुनिया में कदम जमा लिया। 25 साल की उम्र तक उसने पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश के अपने आपराधिक दबदबे में ले लिया। इसके साथ ही वह कई सरकारी ठेके लेने लगे और माफिया सर्किल का बेताज बादशाह बन गया। दिलचस्प बात यह है कि इतना बड़ा अपराधी होने के बावजूद मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को राजनीति में आने में कोई परेशानी नहीं हुई। यह वह दौर था जब उत्तर भारत की राजनीति (politics) में अपराध घुलमिल चुका था।
जब मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के बुरे दिन की शुरुआत हुई तो उन पर हर तरह से मुकदमे ही मुकदमे होते चले गए। 2005 के बाद मुख्तार अंसारी यूपी और पंजाब के जेल में बंद रहे। 2005 के बाद अंसारी पर 28 आपराधिक केस दर्ज किए गए जिनमें हत्या, फिरौती और गैंगस्टर एक्ट (Gangster Act) के तहत मुकदमा दर्ज है। सितंबर 2022 से मुख्तार अंसारी 8 विभिन्न आपराधिक केस में दोषी साबित हो चुके थे जबकि 21 केस में उन पर सुनवाई चल रही थी।
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