डेस्क। पहले के समय में जब आज की तरह मॉर्डन किचन (modern kitchen) नहीं होते थे तो बेलन से चकले (लकड़ी के बोर्ड) पर रोटियां बेली जाती थीं। मगर अब किचन इस तरह से बनते हैं उनकी स्लैब (slab) पर भी रोटियां बेली जा सकती हैं और बेली भी जाती हैं। रोटी बिना चकले के सीधा स्लैब (slab) पर बेलना कितना सही है इस बारे में वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) में वर्णन मिलता है।
यह भी पढ़ें-तपती गर्मी में किचन में रखी ये चीज कमरे को रखेगी AC जैसे ठंडा
वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार, रसोई में प्रयोग किया जाने वाला चकला-बेलन सुख-समृद्धि का कारक माना जाता है। चकला-बेलन का संबंध राहु-केतु से माना गया है। इसी कारण से जैसा चकला-बेलन घर में होगा वैसा ही इन दोनों ग्रहों का प्रभाव पड़ेगा। यही वजह है कि वास्तु शास्त्र में चकला-बेलन खरीदने से जुड़ी कई जरूरी बातें वर्णित है। वहीं, चकला-बेलन का रोटी बनाने में प्रयोग बहुत महत्वपूर्ण माना गया। मान्यता है कि रोटी बनाते समय इन दोनों के इस्तेमाल से घर की उन्नति होती है।

अगर रोटी बिना चकले के बेली जाए तो इससे घर की सुख-समृद्धि में बाधा उत्पन्न होती है। वास्तु दोष लगता है और धन की कमी भी नजर आने लगती है। मां अन्नपूर्णा भी रुष्ट होकर स्थान छोड़ देती हैं। असल में वास्तु दृष्टि से ऐसा माना गया है कि चकले के बिना सीधा स्लैब (slab) पर रोटी बेलने से घर में दरिद्रता आती है और पाप ग्रह राहु-केतु का दुष्प्रभाव घर की खुशहाली और सदस्यों की सफलता पर नजर आने लगता है।
इसके अलावा साइंस भी यही बात कहती है कि खाना साफ-सफाई से और स्वच्छता से बनाना चाहिए। रसोई के स्लैब (slab) पर कीटाणु और बैक्टीरिया (bacteria) हो सकते हैं। खासकर तब जब कि इसे नियमित रूप से साफ नहीं किया जाता है। साथ ही आपकी गैर-मौजूदगी में संभव है कि वहां से कॉकरोच, छिपकली आदि गुजरी हो, जो बीमारी फैला सकती है। लिहाजा स्लैब पर सीधे रोटी बेलना हमेशा हाइजीनिक नहीं हो सकता है।
Tag: #nextindiatimes #slab #VastuShastra #modernkitchen