डेस्क। जलियांवाला बाग (Jallianwala Bagh) नरसंहार पर आधारित मूवी केसरी चैप्टर 2 (Kesari 2) रिलीज के साथ ही चर्चा में है और लोग इस मूवी को पसंद भी कर रहे हैं। यह मूवी भारत के चर्चित वकील सी शंकर नायर के परपोते की किताब -The Case That Shook the Empire: One Man’s Fight for the Truth about the Jallianwala Bagh Massacre पर आधारित है। जलियांवाला बाग नरसंहार भारतीय इतिहास की एक ऐसी घटना है, जिसे याद कर आज भी लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं।
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जलियांवाला बाग (Jallianwala Bagh) नरसंहार में 1500 से अधिक लोगों को मारा गया था और 2000 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस नरसंहार के बाद निहत्थे लोगों पर गोलियां चलवाने वाले जनरल डायर (General Dyer) का क्या हुआ? क्या कोई मुकदमा उस पर दायर हुआ? क्या कोई सजा उसे मिली, चलिए हम बताते हैं।

केसरी चैप्टर 2 (Kesari 2) के जरिए भारत में 13 अप्रैल 1919 में घटित एक घटना का सच सामने लाने की कोशिश की गई है। हालांकि यह मूवी ऐतिहासिक रूप से सच नहीं है क्योंकि जालियांवाला बाग (Jallianwala Bagh) नरसंहार के बाद कोई मुकदमा कोर्ट तक नहीं पहुंचा था लेकिन इस मूवी में कोर्टरूम ड्रामा के जरिए जालियांवाला बाग में जनरल रेजिनाल्ड एडवर्ड हैरी डायर ने जो हैवानियत की थी। उसका काला चेहरा उजागर करने की कोशिश की गई है, जिसे उस दौर में ढंकने की कोशिश की गई थी।

जालियांवाला बाग (Jallianwala Bagh) नरसंहार के बाद भारतीयों ने इसका बहुत विरोध किया। आम जनमानस में ब्रिटिश सरकार के प्रति नफरत बढ़ गई और उनका विश्वास इस घटना ने डिगा दिया। इसे देखते हुए ब्रिटिश भारत में हंटर आयोग का 29 अक्टूबर 1919 को गठन किया गया। इस आयोग ने 26 मई 1920 को अपनी रिपोर्ट दी। जिसमें यह माना गया कि जनरल डायर का बिना चेतावनी दिए गोली चलवाने का निर्णय गलत था और यह भी माना गया कि भारतीय किसी षडयंत्र को अंजाम देने के लिए वहां जमा नहीं हुए थे। जनरल डायर को पद छोड़ना पड़ा था लेकिन उसे कोई आपराधिक सजा नहीं सुनाई गई थी।
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