काबुल। शनिवार सुबह अफगानिस्तान (Afghanistan) की धरती भूकंप के झटकों से हिल उठी। यहां 4.2 और 4.5 तीव्रता के दो भूकंप (Earthquake) आए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, पहला भूकंप भारतीय समयानुसार सुबह 4:20 बजे आया। भूकंप 100 किलोमीटर की गहराई पर आया था। दूसरा भूकंप पंद्रह मिनट से भी कम समय में आया।
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एनसीएस (NCS) के मुताबिक, भूकंप (Earthquake) रिक्टर पैमाने पर 4.2 तीव्रता पर दर्ज किया गया। यह भारतीय समयानुसार सुबह 4:33 बजे आया था और 150 किलोमीटर की गहराई पर 36.44 उत्तर और 70.90 ई अक्षांश पर दर्ज किया गया। इससे पहले मंगलवार तड़के अफगानिस्तान में रिक्टर स्केल पर 4.3 तीव्रता का भूकंप आया था। मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (UNOCHA) के अनुसार, अफगानिस्तान (Afghanistan) मौसमी बाढ़, भूस्खलन और भूकंप सहित प्राकृतिक आपदाओं के प्रति अत्यधिक संवेदनशील बना हुआ है।

यूएनओसीएचए ने कहा कि अफगानिस्तान (Afghanistan) में बार-बार आने वाले भूकंप (Earthquake) से कमजोर समुदायों को नुकसान होता है, जो पहले से ही दशकों के संघर्ष और अल्प-विकास से जूझ रहे हैं और एक साथ कई झटकों से निपटने के लिए उनमें क्षमता कम रह गई है।
रेड क्रॉस के अनुसार, अफगानिस्तान (Afghanistan) में शक्तिशाली भूकंपों (Earthquake) का इतिहास रहा है और हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला एक भूगर्भिक रूप से सक्रिय क्षेत्र है जहां हर साल भूकंप आते हैं। अफगानिस्तान भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के बीच कई फ़ॉल्ट लाइनों पर स्थित है, जिनमें से एक फ़ॉल्ट लाइन सीधे हेरात से भी होकर गुजरती है।
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