नई दिल्ली। जब से RBI ने कंज्यूमर लोन में रिस्क वेटेज को बढ़ाया है तभी से SBI कार्ड के शेयर 8 फीसदी नीचे गिर चुके हैं। शुक्रवार का दिन कंपनी के लिए लोएस्ट दिन रहा है। आपको बताते चलें कि बीते हफ्ते RBI ने कंज्यूमर लोन पर रिस्क वेटेज को बढ़ा दिया था, जो लैंडर्स के साथ NBFC और क्रेडिट कार्ड कंपनी के लिए था।
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ये आदेश इसलिए आया था क्योंकि देश का रिजर्व बैंक चाहता था कि अनसिक्योर्ड लोन देने की दर में कुछ हद तक कमी आए। जिससे बैंकों के लिए कैपिटल रिजर्व बढ़ाना पड़ा, क्योंकि अनसिक्योर्ड लोन देने की कॉस्ट बढ़ रही थी। अगर बैंकों से उधार लेने की बात करें तो एसबीआई कार्ड 77 प्रतिशत बैंकों से उधार लेता है, जो भविष्य में इस जोखिम भारांक के बढ़ने के बाद महंगा हो सकता है।
यह बिल्कुल सच है कि जैसे-जैसे बैंक के लिए फंड महंगे होंगे, ग्राहकों के लिए लोन लेना भी महंगा हो जाएगा। इसके साथ ही क्रेडिट कार्ड की बिक्री भी प्रभावित होगी। लेकिन कल ही आरबीआई की ओर से जानकारी दी गई कि अनसिक्योर्ड लोन देने वाले बैंकों के मुताबिक रिस्क वेटेज बढ़ाना जरूरी है।
यह आदेश इसलिए आया क्योंकि देश का रिज़र्व बैंक चाहता था कि असुरक्षित ऋण देने की दर कुछ हद तक कम हो जाए। जिसके कारण बैंकों को पूंजी भंडार बढ़ाना पड़ा, क्योंकि असुरक्षित ऋण देने की लागत बढ़ती जा रही थी। यानी एक तरफ जहां त्योहारी सीजन में क्रेडिट कार्ड का खर्च बढ़ गया, आंकड़ों की बात करें तो ये खर्च 1.79 ट्रिलियन डॉलर रहा। जिसमें साल दर साल 37.9 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ महीने दर महीने खर्च में 25.4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। यानी कहा जा सकता है कि आरबीआई के उस फैसले से बाजार में एसबीआई कार्ड को लेकर सेंटीमेंट अच्छा नहीं रहा है।
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