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Wednesday, July 9, 2025

दशहरे पर नीलकंठ देखना माना जाता है शुभ, जानें क्या है इससे जुड़ी मान्यता

डेस्क। सनातन धर्म में दशहरे (Dussehra) के पर्व का विशेष महत्व है और हर वर्ष यह पर्व आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार दशहरे (Dussehra) के दिन नीलकंठ (Neelkanth) पक्षी को देखने से भाग्योदय होता है और दरिद्रता दूर होती है। इसलिए इस दिन लोग अपने घरों की छत पर नीलकंठ (Neelkanth) पक्षी के दर्शन करने के लिए आकाश को निहारते हैं ताकि साल भर जीवन में शुभ कार्य का सिलसिला चलता रहे।

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नीलकंठ (Neelkanth) के दर्शनों के साथ दशहरे के दिन शमी के पेड़ की पूजा करने का भी विधान है। दशहरे (Dussehra) के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन करने का महत्व भगवान राम (Lord Rama) के लंका पर विजय के साथ जुड़ा हुआ है। पौराणिक कथाओं के अनुसार जब भगवान राम लंकापति रावण का अंत करने जा रहे थे, उससे पहले रामजी को नीलकंठ पक्षी के दर्शन किए थे, इसके बाद ही रावण पर विजय प्राप्त की थी। इसलिए नीलकंठ पक्षी को शुभ और विजय का संकेत माना गया है।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार दशहरे (Dussehra) के दिन नीलकंठ (Neelkanth) पक्षी का दर्शन होना बहुत शुभ माना गया है और लेकिन इसके दर्शन होना बहुत दुर्लभ माने गए हैं। दशहरे के दिन इस पक्षी के दर्शन करने से मात्र से जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है और सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। धर्म शास्त्रों में नीलकंठ को भगवान शिव का प्रतीक माना गया है। यह पक्षी भगवान शिव (Lord Shiva) के स्वरूप और प्रतिनिधि के तौर पर पृथ्वी पर विचरण करता है।

लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद भगवान राम पर ब्राह्मण हत्या का पाप लगा था। भगवान राम ने अपने भाई लक्ष्मण के साथ मिलकर भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा अर्चना की और खुद ब्राह्मण हत्या के पाप से खुद को मुक्त करवाया था। तब भगवान शिव नीलकंठ (Neelkanth) के रूप में धरती पर आए थे और लोगों को दर्शन दिए थे। नीलकंठ अर्थात जिसका कंठ अर्थात गला नीला हो।

Tag: #nextindiatimes #Neelkanth #Dussehra #Vijayadashami

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