बांग्लादेश। सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ बांग्लादेश (Bangladesh) में जोरदार प्रदर्शन चल रहा है। इस प्रदर्शन (protest) ने हिंसक रूप ले लिया है। प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शन (protest) का यह उग्र रूप व्यापक हो गया है। अब तक 100 लोगों की जान चली गई है, इसमें 14 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।
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हालात इतने खराब हैं कि पूरे देश में कर्फ्यू (curfew) का ऐलान कर दिया गया है और इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई है। आवाजाही पर भी रोक लगा दी गई है व तीन दिनों के लिए सार्वजनिक छुट्टी का ऐलान कर दिया गया है। बांग्लादेश (Bangladesh) के प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने इसी बीच बयान जारी करते हुए कहा है कि प्रदर्शन (protest) के नाम पर तबाही मचाने वाले लोग छात्र नहीं बल्कि आतंकवादी हैं और मैं पूरे देश भर के लोगों से यह अपील करती हूं कि इन आतंकवादियों को सख्ती से दबाने का प्रयास किया जाए।
प्रधानमंत्री के इस बयान से प्रदर्शन और उग्र हो चुका है। प्रदर्शनकारी शेख हसीना (Sheikh Hasina) के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। बांग्लादेश (Bangladesh) में आरक्षण के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन (protest) लगातार जारी है। यहां रविवार शाम छह बजे कर्फ्यू (curfew) लगा हुआ है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अब तक हिंसा में कम से कम 300 लोगों की मौत हो चुकी है।
हालांकि इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। प्रदर्शनकारी (protesters) आज देशव्यापी कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए ढाका तक लांग मार्च का आयोजन कर रहे हैं। दरअसल प्रदर्शनकारी छात्र (protesters) विवादित आरक्षण प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। इसके तहत बांग्लादेश (Bangladesh) के लिए वर्ष 1971 में आजादी की लड़ाई लड़ने वाले स्वतंत्रता संग्रामियों के परिवारों के लिए 30 प्रतिशत सरकारी नौकरियां आरक्षित की गईं हैं।
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