नई दिल्ली। राष्ट्रपति (President) द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को बड़ा फैसला लेते हुए राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhavan) के दो महत्वपूर्ण हॉलों का नाम बदल दिया। राष्ट्रपति (President) मुर्मू ने ‘दरबार हॉल’ का नाम बदलकर ‘गणतंत्र मंडप’ और ‘अशोक हॉल’ (Ashok Hall) का नाम बदलकर ‘अशोक मंडप’ रखा है। राष्ट्रपति भवन ने इसको लेकर एक बयान जारी किया है।
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राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhavan) के दोनों हॉल के नाम बदले जाने पर कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी ने केंद्र की एनडीए सरकार (NDA government) को घेरा। उन्होंने कहा कि दरबार की कोई अवधारणा नहीं है, लेकिन ‘शहंशाह’ की अवधारणा है। कांग्रेस (Congress) महासचिव ने इसके बहाने सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साथा है।
राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhavan) सचिवालय ने बयान में कहा है कि नाम बदलने का मकसद राष्ट्रपति (President) भवन के माहौल को ‘भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों और लोकाचार का प्रतिबिम्ब’ बनाना है। बयान में आगे कहा गया है कि राष्ट्रपति भवन, भारत के राष्ट्रपति (President) का कार्यालय और निवास, राष्ट्र का प्रतीक और लोगों की अमूल्य विरासत है। इसे लोगों के लिए ज्यादा सुलभ बनाने के लिए लगातार कोशिश की जा रही है। राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhavan) के माहौल को भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों और लोकाचारों को प्रतिबिंबित करने वाला बनाने का लगातार प्रयास किया गया है।
बता दें कि दरबार हॉल (Darbar Hall) में राष्ट्रीय पुरस्कारों को लेकर कार्यक्रम जैसे महत्वपूर्ण समारोहों का आयोजन होता है। दरबार (Darbar) शब्द का अर्थ भारतीय शासकों और अंग्रेजों के दरबार और सभाओं से है। भारत के गणतंत्र बनने के बाद से दरबार शब्द की प्रासंगिकता खत्म हो गई है। गणतंत्र की अवधारणा प्राचीन काल से ही भारतीय समाज में गहराई से निहित है, इसलिए इसका गणतंत्र मंडप (Republic Mandap) उपयुक्त नाम है।
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